Deepawali 2020 : प्रतिबंधों को धता बताते हुए जमकर हुई आतिशबाजी, आधी रात के बाद भी फूटे पटाखे
उत्सव धर्मी काशी में वायु प्रदूषण को देखते हुए शासन प्रशासन के निर्देश पर जारी प्रतिबन्धों को धता बताते हुए जमकर आतिशबाजी हुई। शाम से शुरू धमाके आधी रात के बाद भी जारी रहे और घरों में पटाखे जमकर चले।
वाराणसी, जेएनएन। उत्सवधर्मी काशी में वायु प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी के दिशा निर्देशों के बाद शासन प्रशासन द्वारा जारी प्रतिबन्धों को धता बताते हुए जमकर शहर भर में आतिशबाजी हुई। शाम से शुरू धमाके आधी रात के बाद भी जारी रहे और घरों में पटाखे जमकर चले। आसमान में उड़ते रॉकेट हों या फुलझड़ी, सब कुछ प्रतिबन्धों के बीच खुलेआम हुआ और प्रशासन के प्रयासों का मखौल बनाते नजर आए।
आतिशबाजी का जो दौर शाम ढलते शुरू हुआ वह आधी रात के बाद भी जारी रहा। बीते वर्षों में महमूरगंज, चेतगंज, बेनिया, कैंट, नदेसर, बीएलडब्ल्यू, नई सड़क सहित लंका और रविन्द्रपुरी क्षेत्र सर्वाधिक वायु प्रदूषण के क्षेत्र घोषित हुए थे। दिवाली की रात सर्वाधिक पटाखे भी इन्हीं क्षेत्रों में आधी रात के बाद भी फूटते रहे। पॉश कॉलोनियों से लेकर शहर के घने इलाकों तक पटाखों का शोर ऐसा रहा कि आधी रात के बाद भी थमने का नाम नही लिया। पुलिस प्रशासन के प्रयासों की पोल पट्टी अनवरत धमाकों ने आधी रात के बाद भी खोलना जारी रखा तो कहीं से भी कोई प्रशासनिक कार्रवाई भी नहीं हुई।
प्रतिबन्धों का आलम कुछ दिनों से ऐसा था कि पटाखा कारोबारियों पर सख्ती तो रही लेकिन दबे छिपे मंहगे कीमत पर ग्राहकों को शहर भर में पटाखे उपलब्ध थे। वहीं कुछ कारोबारियों ने बीते वर्ष से बचे पटाखों की बिक्री करने की जानकारी नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर कही। कारोबारियों के अनुसार इस बार वायु प्रदूषण को लेकर पटाखों की बिक्री न करने का आदेश था, लिहाजा कारोबारियों को लाइसेंस भी जारी नही किया गया। अलबत्ता छोटे पटाखे हर दूसरी दुकान पर उपलब्ध रहे तो बड़े और महंगे पटाखे पॉश कॉलोनियों से आधी रात के बाद भी छूटते रहे।