बनारस में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की बदलेगी डिजाइन, जीवनाथपुर से रामनगर के राल्हूपुर तक बनेगी 16 किमी लंबी रेल लाइन
कैंट स्टेशन से गुजरने वाली मालगाडिय़ों के लिए विशेष रूट बनाने का फैसला किया है। इस रूट से गुड्स ट्रेनों को काशी होकर इलाहाबाद से गुजर रहे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर रूट में मिला दिया जाएगा।
वाराणसी, जेएनएन। कैंट स्टेशन से गुजरने वाली मालगाडिय़ों के लिए विशेष रूट बनाने का फैसला किया है। इस रूट से गुड्स ट्रेनों को काशी होकर इलाहाबाद से गुजर रहे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर रूट में मिला दिया जाएगा। इसके लिए डीएफसी रूट का विस्तार कर कैंट स्टेशन से जोड़ा जाएगा। डीएफसी के इन निर्माण कार्यों को उत्तर रेलवे व पूर्व मध्य रेलवे द्वारा किया जाएगा। इस योजना को पांच साल में पूरा करने की योजना है। उत्तर रेलवे मंडल के 12.48 किलोमीटर के हिस्से में दोहरी लाइन बिछाई जाएगी। इसके साथ ही गंगा नदी पर कुल 1700 मीटर का पुल बनाया जाएगा। दो रेल लाइन वाला ये पुल मालवीय ब्रिज के समानांतर बनेगा। इसके अलावा जीवनाथपुर से रामनगर के राल्हूपुर तक 16 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बनेगी। रामनगर के राल्हूपुर में प्रस्तावित फ्रेट विलेज रूट को मल्टी मॉडल टर्मिनल से जोड़ा की योजना है। दोनों प्वाइंट को जोडऩे के लिए 16 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी। इस रेलखंड पर रामनगर टॢमनल पर जलमार्ग से आने वाले फ्रेट को मालगाड़ी से आगे ले जाया जाएगा। इस रूट पर एक आरओबी का निर्माण प्रस्तावित है जिसको लेकर सहमति नहीं बन रही है। चार दिन पहले मुख्यालय में रेल अफसरों की बैठक में तय हुआ कि आरओबी के विकल्प पर मंथन किया जाए।
काशी स्टेशन बनेगा फीडर स्टेशन
डेडिकेटेड रूट में शामिल होने के बाद काशी स्टेशन को फीडर स्टेशन के तौर पर विकसित किया जाएगा। गंगा के किनारे बने स्टेशन पर यात्री सुविधाओं के विस्तार के अलावा यार्ड री-मॉडलिंग भी की जाएगी। अभी तक कैंट स्टेशन से मालगाडिय़ों की संख्या 40 अप व 40 डाउन रूट है।
ये रहेगा मालगाडिय़ों का रूट
कैंट से इलाहाबाद वाया डेडिकेटेड फ्रेट रूट जाने के लिए ट्रेनें काशी स्टेशन, बाबा भगवान राम हॉल्ट, व्यासनगर, ब्लाक हट- बी से जीवनाथपुर होते हुए चुनार जंक्शन से होकर दादरी-डांकुनी फ्रेट रूट में मिलेंगी।
रामनगर का राल्हूपुर बनेगा जंक्शन
इनलैंड वॉटर हाइवे-वन (बनारस से हल्दिया) के प्रमुख सेंटर वाराणसी में देश का पहला फ्रेट विलेज बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। फ्रेट विलेज 3000 करोड़ की लागत से 100 एकड़ एरिया में रामनगर में बने मल्टीमॉडल टॢमनल (वाराणसी टॢमनल) को केंद्र में रखकर बनेगा। यह वॉटर हाइवे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, रोड हाइवे के मेन जंक्शन की तरह काम करेगा।