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Cyber Crime : वाराणसी में इलेक्ट्रानिक सर्विलांस की मदद से पुलिस भुक्तभोगियों को दिला रहे रुपये

Cyber Crime कमिश्नरेट पुलिस ने अब साइबर अपराध को नियंत्रित करने की पहल तेज कर दी है। जालसाजों पर नकेल लगाने के लिए साइबर पुलिस इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के साथ ही अन्य संबंधित विभागों से समन्वय बना रही है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 07:55 AM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 07:55 AM (IST)
Cyber Crime : वाराणसी में इलेक्ट्रानिक सर्विलांस की मदद से पुलिस भुक्तभोगियों को दिला रहे रुपये
कमिश्नरेट पुलिस ने अब साइबर अपराध को नियंत्रित करने की पहल तेज कर दी है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। कमिश्नरेट पुलिस ने अब साइबर अपराध को नियंत्रित करने की पहल तेज कर दी है। जालसाजों पर नकेल लगाने के लिए साइबर पुलिस इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के साथ ही अन्य संबंधित विभागों से समन्वय बना रही है। संबंधित बैंकों की मदद से पीड़ितों की गाढ़ी कमाई उन्हें दोबारा दिलवा रही है। इस तरह के मामलों से निबटने के लिए समय-समय पर साइबर पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित कर जालसाजी के नए तरीकों से निबटने में पारंगत भी बनाया जा रहा है।

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बीते कुछ वर्षों में साइबर अपराध का ग्राफ बढ़ा है। कोरोना संक्रमण काल में आनलाइन पेमेंट का चलन बढ़ा तो इसमें और भी उछाल आया। वर्ष 2020 में जनपद में साइबर क्राइम के 564 मामले आए थे। इनमें से अधिकतर मामले अनजान लिंक पर क्लिक करने या आनलाइन पेमेंट के दौरान असावधानी बरतने के रहे। दरअसल, आर्डर सामान की डिलीवरी न होने या आनलाइन पेमेंट के दौरान पैसे कट गए हों और सामने वाले तक भुगतान न पहुंचने की स्थिति में लोग गूगल पर कस्टमर केयर का नंबर सर्च करने लगते हैं। असावधानी बरतते हुए कई बार लोग गलत कस्टमर केयर नंबर डायल कर देते हैं। फोन काने पर बातों में उलझाकर जालसाज क्यूआर कोड के माध्यम से या लिंक भेज कर अथवा कुछ पैसों का ट्रायल पेमेंट कर उनके बैंक खातों से पैसे उड़ा देते हैं।

1800 से शुरू होता है कस्टमर केयर नंबर 

- साइबर क्राइम निरीक्षक राहुल शुक्ला के मुताबिक गूगल पर कोई नंबर सर्च करने से पहले ध्यान दें। कस्टमर केयर नंबर 1800 से शुरू होते हैं या फिर वे लैंडलाइन नंबर होते हैं। संबंधित कंपनी के बेबसाइट (https://www. से शुरू होने वाले) पर जाकर कस्टमर केयर प्राप्त कर सकते हैं। याद रखें किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक हरगिज न करें। वहीं क्यूआर कोड स्कैन करने से पहले शत-प्रतिशत सुनिश्चित कर लें कि आप पेमेंट प्राप्त कर रहे हैं।

केस-1 : पहड़िया स्थित अग्रसेन नगर कालोनी के महातम तिवारी इंडियन आयल के सेवानिवृत्त कर्मी हैं। उनका पंजाब नेशनल बैंक व आइसीआइसीआई बैंक में खाता है। उन्हें बैंक अधिकारी बनकर जालसाज ने फोन किया और झांसे में लेकर केवाईसी को अपडेड करने के नाम पर बैक से संबंधित जानकारी ले ली। फिर उनके खाते से 5.39 लाख रुपये निकाल लिए थे। जब उनके मोबाइल पर मैसेज आया तो वे सन्न रह गए। भुक्तभोगी ने साइबर क्राइम थाने में 16 जून 2021 को ही मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने बैंक अधिकारियों से संपर्क किया और बैंक ने भुक्तभोगी के खाते से लेन-देन पर रोक लगा दी। साइबर पुलिस टीम इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के माध्यम से उनके फोन पर नजर रखते हुए। जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद उनके खाते से कटा पैसा वापस आ गया।

केस-2 : काजीसादुल्लाहपुरा के सोहैल अहमद का बनारस के मकबूल आलम रोड स्थित एचडीएफसी बैंक में खाता है। विगत 17 मई को उनके खाते से जालसाज ने अनाधिकृत रूप से 1.25 करोड़ रुपये निकाल लिए। जानकारी होते ही उसी दिन सोहैल ने साइबर क्राइम थाने में तहरीर दी। तत्काल बैंक में जाकर पुलिस ने उनका खाता होल्ड कराया। जांच प्रक्रिया के बाद 22 मई 2021 को उनका पूरा पैसा उनके बैंक खाते में वापस कराया।

केस-3 : चार सितंबर 2021 को महामनापुरी कालोनी निवासी अजय श्रवण तिवारी ने साइबर थाने में तहरीर दी। शिकायत के मुताबिक ब्लू डार्ट कोरियर से उनका क्रेडिट कार्ड आना था, लेकिन देन होने पर उन्होंने गूगल से नंबर प्राप्त कर फोन किया। नंबर किसी जालसाज का निकला, जिसने उनसे 10 रुपये का टोकन पेमेंट करवाया। फिर खाते से 9999 रुपये गायब कर दिए। पुलिस ने संबंधित वालेट कंपनी से संपर्क कर एक घंटे के भीतर ही धोखाधड़ी की गई उनकी संपूर्ण धनराशि उनके खाते में वापस कराई।

केस-4 : पिंडरा निवासी सुनील गुप्ता ने आठ सितंबर 2021 को वाट्सएप के माध्यम से किसी व्यक्ति से पेंट खरीदने की बात की। जालसाज ने पेंट की क्वालिटी व कलर कोड भेजा। पसंद आने पर आनलाइन पेमेंट के लिए लिंक भेजा, जिस पर क्लिक करते ही उनके खाते से 56584 रुपये कट गए। शिकायत मिलने पर साइबर पुलिस टीम ने इलेक्ट्रानिक सर्विलांस सहित अन्य संसाधनों का प्रयोग करते हुए संबंधित वालेट कंपनी से संपर्क किया। अगले 24 घंटे भीतर यानी नौ सितंबर को उनके खाते में धोखाधड़ी से गई संपूर्ण धनराशि 56584 रुपये वापस कराने में कामयाबी मिली।


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