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कटे फटे नोट बदलने वाले दुकानदारों को बैंकों की ओर से कोई लाइसेंस नहीं मगर खुलेआम चल रहा कारोबार

बैंकों के चेस्ट से निकली करेंसी के दुकानों तक पहुंचने की खबर प्रकाशित होने के बाद धंधेबाजों ने टांगे गए बोर्ड उतार दिए।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 03:55 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 03:55 PM (IST)
कटे फटे नोट बदलने वाले दुकानदारों को बैंकों की ओर से कोई लाइसेंस नहीं मगर खुलेआम चल रहा कारोबार
कटे फटे नोट बदलने वाले दुकानदारों को बैंकों की ओर से कोई लाइसेंस नहीं मगर खुलेआम चल रहा कारोबार

वाराणसी, जेएनएन। बैंकों के चेस्ट से निकली करेंसी के दुकानों तक पहुंचने की खबर प्रकाशित होने के बाद धंधेबाजों ने टांगे गए बोर्ड उतार दिए। साथ ही एलडीएम की ओर से बैंकों को करेंसी का दुरुपयोग रोकने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए। पड़ताल में यह भी सामने आया कि कटे फटे नोट बदलने वाले दुकानदारों को बैंकों की ओर से कोई लाइसेंस नहीं दिया जाता। वे शाखा प्रबंधकों से संबंध के बल पर नई करेंसी पाते हैं। उधर, दैनिक जागरण में समाचार प्रकाशित होने के बाद कचहरी, पांडेयपुर, लहुराबीर और लंका क्षेत्र में कटे-फटे नोट बदलने की दुकानों पर गुरुवार को सियापा छाया रहा। मजेदार बात यह कि जिन दुकानों पर कल तक करेंसी नोट यहां मिलता है का बोर्ड टंगा था उसे दुकानदारों ने हटा दिया है। कई लोगों ने उन दुकानों से आज करेंसी खरीदने का प्रयास किया तो दुकानदारों ने कहा कि हम लोग करेंसी नहीं बेचते हैं। कुछ ने कहा कि लग्न की वजह से आजकल करेंसी नहीं मिल रही है। 

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संबंधों पर चल रहा धंधा 

बैंक अधिकारियों के मुताबिक कटे-फटे नोट बदलने के लिए कोई लाइसेंस बैंक जारी नहीं करते हैं। जो भी दुकानदार इस तरह का काम करता है वह गैरकानूनी है। कुछ अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस धंधे में दुकानदारों ने ग्राहकों को बैंकिंग नियमों की जानकारी न होने का फायदा उठाया है। काफी लंबे अरसे से यह धंधा बैंक अधिकारियों से संबंधों के बल पर फल-फूल रहा है।

कटे-फटे नोट वापस लेते हैं बैंक 

आमतौर पर ग्राहकों को नहीं पता है कि कटे-फटे नोट को बैंक वापस लेते हैं। उसकी आड़ में ये दुकानदार आम जनता से मोटा कमीशन लेकर नोट बदलते हैं, और कटे-फटे नोटों की गड्डी तैयार कर बैंक को वापस करते हैं। यदि खाताधारक कटे-फटे नोट लेकर बैंक में जाते हैं तो बैंक उसे बदलकर दूसरा नोट देते हैं। 

कहते हैं दूसरे के लाइसेंस का करते हैं प्रयोग

इस धंधे में शामिल एक दुकानदार ने पूछने पर बताया कि वे किसी दूसरे का लाइसेंस प्रयोग करते हैं। जबकि लाइसेंस दिखाने की बात पर वह टालमटोल करते हैं। जबकि बैंक अधिकारियों का कहना है इस काम के लिए लाइसेंस नहीं जारी होता। 


बोले अधिकारी : बैंकों द्वारा कटे-फटे नोट बदलने वालों को करेंसी पाने व लेनदेन के संबंध में लाइसेंस नहीं जारी होता है। वे संबंधों के आधार पर करेंसी पाते हैं। इस संबंध में बैंकों को दिशा निर्देश जारी कर करेंसी का दुरुपयोग रोकने को कहा गया है। यदि शिकायत मिलती है या कोई मामला सामने आता है तो जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। - मिथिलेश कुमार, एलडीएम।


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