निलंबित अफसरों से क्राइम ब्रांच ने की पूछताछ, शहर छोड़ने पर रोक
वाराणसी : चौकाघाट-लहरतारा के निर्माणाधीन फ्लाईओवर की बीम गिरने से हुई 15 मौतों के मामले में जांच प्र
वाराणसी : चौकाघाट-लहरतारा के निर्माणाधीन फ्लाईओवर की बीम गिरने से हुई 15 मौतों के मामले में जांच प्रक्रिया अब तेज हो गई है। एडीजी जोन पीवी रामाशास्त्री के निर्देश पर एसपी क्राइम ज्ञानेंद्रनाथ के नेतृत्व में गठित टीम दोपहर में वरुणा पुल स्थित सेतु निगम के मुख्य परियोजना प्रबंधक के दफ्तर धमकी और निलंबित मुख्य परियोजना प्रबंधक हरिश्चंद्र तिवारी व परियोजना प्रबंधक केआर सूदन से पूछताछ की। निलंबित अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि विवेचना के दौरान वे शहर छोड़कर नहीं जाएंगे। यदि ऐसा करते हैं तो सख्त कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही विवेचना से जुड़े किसी भी कागजात से छेड़छाड़ न की जाए। क्राइम ब्रांच ने निलंबित अफसरों को अपने दफ्तर में कुर्सी पर बैठने से भी मना कर दिया है ताकि जांच में रसूख का इस्तेमाल न होने पाए।
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फ्लाईओवर निर्माण को अब नया रोडमैप
चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर का निर्माण अब नए रोडमैप पर होगा। इसके लिए यूपी राज्य सेतु निर्माण निगम ने स्थानीय अधिकारियों को नई रणनीति से आगे का काम पूरा करने के निर्देश जारी किए हैं। एक सप्ताह में सुरक्षा बिंदुओं पर विस्तृत आंकलन रिपोर्ट तलब की गई है। सेतु निगम के अधिकारियों को जीरो ट्रैफिक में ही आगे का कार्य पूरा करने की स्पष्ट गाइडलाइन मिली है। नवागत मुख्य परियोजना प्रबंधक अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि नई गाइडलाइन के अनुसार हमने काम शुरू किया है। एकदम नया रोडमैप बना रहे हैं ताकि आगे इस तरह की कोई दोबारा घटना न हो सके। गुरुवार को नए परियोजना प्रबंधक संदीप गुप्ता ने भी कार्यभार संभाल लिया।
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डीएम बताएं, सुरक्षित है या नहीं कैंट इलाका : एडीजी
हादसे के बाद अब पहली प्राथमिकता उस मार्ग से रोजाना सफर करने वालों की सुरक्षा है। एडीजी जोन पीवी रामाशास्त्री ने डीएम योगेश्वर राम मिश्र को पत्र लिखकर पूछा है कि क्या कैंट इलाके में अंधरापुल- लहरतारा मार्ग पर यातायात सुरक्षित है। एडीजी ने संबंधित विभागों से रूट डायवर्जन के संबंध में कार्ययोजना भी मांगी है।
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मुख्य परियोजना प्रबंधक से लिखवाया था 'भविष्य का इस्तीफा'
भले ही प्रदेश सरकार यह कहे कि चौकाघाट फ्लाईओवर विस्तारीकरण निर्माण तय मियाद में पूरा करने के लिए दबाव नहीं बनाया जा रहा था लेकिन हकीकत दूसरी है। करीब एक माह पहले शासन में हुई बैठक में कैंट फ्लाईओवर के लिए तैनात सेतु निगम के तत्कालीन मुख्य परियोजना प्रबंधक एचसी तिवारी से इस्तीफा लिखवा लिया गया था। बैठक में विभागीय मंत्री भी शामिल थे। एचसी तिवारी ने हैवी ट्रैफिक के बाबत कई बार आवाज उठाई। मंत्री समेत अफसरों ने जिला प्रशासन के माध्यम से ट्रैफिक विभाग को डायवर्जन करने के लिए कहा था। एचसी तिवारी का कहना है कि मुझसे पोस्ट डेटेड इस्तीफा ले लिया गया था।
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नहीं आया कोई बयान देने, 25 तक बढ़ी मियाद
-हादसे पर जिलाधिकारी द्वारा गठित मजिस्ट्रेट जांच कर रहे एडीएम वित्त एवं राजस्व मनोज राय के समक्ष गुरुवार को कोई भी बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचा। उन्होंने बीएचयू ट्रामा सेंटर पहुंचकर तीन घायलों का बयान दर्ज किया। जांच अधिकारी को दो दिन में रिपोर्ट देनी थी लेकिन अब यह मियाद बढ़ाकर 25 मई कर दी गई है।
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सभी विभागों के कसे पेंच, सुरक्षा में न हो लापरवाही
-बनारस में चल रहे विभिन्न विकास कार्यो से जुड़ी कार्यदायी एजेंसियों के अफसरों की जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र ने बैठक ली। सख्त हिदायत दी कि निर्माण कार्यो में सुरक्षा संबंधी कोई लापरवाही न होने पाए। सुरक्षा मानकों से जुड़ी रिपोर्ट दो दिन के भीतर देने को कहा गया है। ऐसे ही निर्देश मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने भी जारी किए हैं।
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बैकफुट पर आया एनडीआरएफ
-हादसे में 18 मौतों का दावा करने वाली एनडीआरएफ बैकफुट पर आ गई है। 15 मौतों के सीएम के आधिकारिक बयान के बावजूद एनडीआरएफ ने 18 मौत होने का दावा करते हुए विज्ञप्ति जारी की थी। इसके बाद लखनऊ से लेकर दिल्ली तक से फोन घनघनाया और एनडीआरएफ ने अब जिला प्रशासन के आंकड़ों को ही सही करार दिया है। बताया जा रहा है कि इस मामले में अफसरों को दिल्ली तलब भी किया गया है, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
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सीएम-डिप्टी सीएम के खिलाफ तहरीर
-हादसे के लिए मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को जिम्मेदार ठहराते हुए कांग्रेस की स्थानीय इकाई ने सिगरा थाने में तहरीर दी। इससे पूर्व थाने का घेराव कर देर तक नारेबाजी की गई। पुलिस ने तहरीर पर थाने की मुहर लगाकर पावती भी दी।
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सेतु निगम के सभी प्रोजेक्ट बंद
-पीएम के संसदीय क्षेत्र में सेतु निगम के सात प्रोजेक्ट चल रहे थे। फ्लाईओवर हादसे के बाद जांच शुरू होते ही दो दिनों में एक के बाद एक सभी प्रोजेक्ट पर काम बंद कर दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि अब इन प्रोजेक्ट पर सुरक्षा मानकों को पूरा करने के बाद ही काम शुरू होगा। इन सात प्रोजेक्ट में दो पुल वरुणा नदी पर, चार आरओबी व एक हादसे से जुड़ा फ्लाईओवर शामिल है।