शहर के बीच बारूद के तीन गोदाम, 19 लोगों ने लिया है लाइसेंस जबकि जांच रिपोर्ट में 22 की मिली जानकारी
दीपावली और उसके आसपास प्रतिवर्ष आतिशबाजी के गोदामों में कहीं न कहीं हादसे होते रहते हैं। रिहायशी क्षेत्र में होने वाले हादसों में जान-माल का भारी नुकसान होता है।
वाराणसी, जेएनएन। दीपावली और उसके आसपास प्रतिवर्ष आतिशबाजी के गोदामों में कहीं न कहीं हादसे होते रहते हैं। रिहायशी क्षेत्र में होने वाले हादसों में जान-माल का भारी नुकसान होता है। अभी तीन वर्ष पहले पितरकुंडा में छह लोगों की जान गई थी। इसके बावजूद जिला प्रशासन और अग्निशमन विभाग आतिशबाजी के गोदाम को लेकर अलग-अलग राय रखता है। मुख्य अग्निशमन विभाग द्वारा प्रशासन को भेजी रिपोर्ट में तीन आतिशबाजी भंडारण गोदाम घनी आबादी क्षेत्र में पाए गए हैं जबकि प्रशासन की लिस्ट में ये संख्या मात्र दो ही है। घनी आबादी वाले क्षेत्र में पटाखा के तीन गोदामों में दीपावली के पहले हजारों क्विंटल बारूद डंप है।
आतिशबाजी के गोदाम को लेकर प्रशासन और अग्निशमन विभाग की रिपोर्ट में भारी अंतर पाया गया है। प्रशासन की लिस्ट में 19 लोगों के पास आतिशबाजी भंडारण का लाइसेंस है तो अग्निशमन विभाग ने जांच के बाद जो रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी है उसमें 22 गोदाम होने की रिपोर्ट दी गई है। इसमें प्रशासन वाले ज्यादातर गोदाम शामिल हैं। अग्निशमन विभाग की रिपोर्ट में तो 19 गोदामों के पते बड़ागांव के हैं। शहर की घनी आबादी के बीच दो गोदाम थाना चौक के चहमहमा और बेनियाबाग क्षेत्र में एक चेतगंज के सरायगोवर्धन में है। गोदाम के लाइसेंस लेने वालों के नाम पते देखने में बड़ी चौकाने वाली बात सामने आई।
जिन तीन लोगों ने घनी आबादी क्षेत्र में भंडारण का आतिशबाजी लाइसेंस ले रखा है उन्हीं लोगों ने बड़ागांव के पते पर चार से लेकर 10 लाइसेंस ले रखे हैं। एक अन्य ने भी बड़ागांव के पते पर ही पांच भंडारण लाइसेंस ले रखा है। अग्निशमन विभाग ने अपनी जांच में अग्निनिरोधक व्यवस्था के रूप में प्राथमिक अग्निशमन उपकरण, बालू व पानी की व्यवस्था करने की बात तो की है लेकिन घनी आबादी के बीच होना ठीक नहीं माना है। स्पष्ट रूप से प्रशासन को रिपोर्ट दी है कि हादसा होने पर जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है।
आगरा व इलाहाबाद से जारी हैं लाइसेंस
आतिशबाजी के गोदामों के अधिकतर लाइसेंस संयुक्त उप मुख्य विस्फोटक नियंत्रक आगरा और इलाहाबाद द्वारा जारी किए गए हैं। इसमें मात्र दो लाइसेंस डीएम वाराणसी द्वारा जारी किए गए हैं।
जांच में नहीं मिली दुकान
अपर पुलिस महानिदेशक ने अग्निशमन विभाग से ग्राम कचनार, रानी बाजार, थाना रोहनियां में स्थित आतिशबाजी की दुकान होने के विषय में रिपोर्ट मांगी। अग्निशमन विभाग ने जांच कर बताया कि इस नाम पते पर उनके कार्यालय से कोई प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया है। इतना ही नहीं उक्त स्थल की जांच की गई तो वहां पर कुछ भी नहीं मिला।
बोले अधिकारी : शहर की घनी आबादी में मात्र दो गोदाम हैं। उनके लाइसेंस पूर्व में निरस्त कर दिए गए थे। वे कोर्ट की शरण में चले गए। हम अवैध आतिशबाजी भंडारण की जांच कर कार्रवाई कर रहे हैं। -विनय कुमार सिंह, एडीएम सिटी, वाराणसी।
दालमंडी से पकड़े अवैध पटाखों को रामनगर में किया दफन
दालमंडी से बीते नौ अक्टूबर को भाजपा नेता मो. आसिफ के यहां से बरामद अवैध पटाखों की खेप को कोर्ट के आदेश पर मंगलवार को रामनगर स्थित एक पेट्रोल पंप के पीछे भूमि में नष्ट किया गया। इस दौरान उस और किसी भी नागरिक को नहीं जाने दिया जा रहा था। इतने बड़े पैमाने पर पटाखों के खेप को नष्ट किए जाने की सूचना मिलते ही आसपास के लोग जुट गए थे।
पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने फायर ब्रिगेड की मौजूदगी में पटाखों को नष्ट करने के लिए पहले जेसीबी से तीन गड्ढा खोदवाया। 50 क्विंटल 35 किलो वजन के लगभग 28 बोरी में 115 कार्टन में भरे पटाखों को इसमें डालने के बाद फायर ब्रिगेड ने उस गड्ढे को पानी से भर दिया। पानी से भरने के बाद उसे मिट्टी और बालू से पाट दिया। पटाखों को तीन छोटी गाडिय़ों में भर कर लाया गया था। कार्रवाई के दौरान एसीएम जय प्रकाश, सीओ दशाश्वमेध प्रीति त्रिपाठी के साथ ही फायर ब्रिगेड और बम निरोधक दस्ता की टीम भी मौजूद रही।