प्रश्न प्रहर : पूरी तरह से सुरक्षित है कोविड-वैक्सीन, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी ने दी जानकारी
कोविड का लग रहा टीका किसी भी तरह से हानिकारक नहीं है। अभी तक पूरे देश में एक भी केस ऐसा नहीं आया है कि टीका लगने की वजह से किसी को कोई बड़ी दिक्कत आई हो। ऐसे में यह टीका पूरी तरह सुरक्षित है।
वाराणसी, जेएनएन। कोविड का लग रहा टीका किसी भी तरह से हानिकारक नहीं है। अभी तक पूरे देश में एक भी केस ऐसा नहीं आया है कि टीका लगने की वजह से किसी को कोई बड़ी दिक्कत आई हो। ऐसे में यह टीका पूरी तरह सुरक्षित है। खुद देश के प्रधानमंत्री ने यह टीका लगवाया है, इसलिए इसके संबंध में किसी प्रकार का भ्रम पालने की आवश्यकता नहीं है। जो लोग भी इसके योग्य हैं, वे अपने नजदीकी टीकाकरण केंद्र पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवा कर टीका लगवा सकते हैं। यह जानकारी जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी राजेश कुमार शर्मा ने मंगलवार को दी। वह दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित प्रश्न प्रहर कार्यक्रम में पाठकों के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस दौरान लगभग सभी लोगों ने कोरोना वैक्सीनेशन और आयुष्मान भारत योजना के गोल्डेन कार्ड को लेकर खूब सवाल पूछे।
सवाल : कोविड का टीका हमें कैसे लगेगा।
-बख्शीश उपाध्याय, गहमर, गाजीपुर।
जवाब : फिलहाल देश में कोरोना वैक्सीनेशन का तीसरा चरण चल रहा है। पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को दूसरे चरण में फ्रंट लाइनर कोरोना वारियर्स को टीका लगाया गया था। अब तीसरे चरण में दो वर्ग समूहों मेें आमजन का टीकाकरण किया जा रहा है। पहले वर्ग में 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठजनों को टीका लगाया जाना है। दूसरे वर्ग में 45 से 60 वर्ष के ऐसे लोगों को टीका लगाया जाएगा, जो किसी तरह की गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। अगले चरणों में किन लोगों का टीकाकरण होगा, इसके बाद गाइडलाइन आएगी। अब आप देख लें किस वर्ग में आते हैं।
सवाल : मेरी आयु 60 वर्ष से अधिक है। मुझे कोविड वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है, दूसरी डोज की तिथि 28 मार्च मिली है, उस दिन होली है। क्या एक-दो दिन बाद भी टीका लगवाया जा सकता है।
-एके अग्रवाल, सुंदरपुर, वाराणसी।
जवाब : कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज पहली डोज के 28 दिन बाद लगाई जाती है। अब अगर उस दिन पर्व के नाते टीका की दूसरी डोज न ले पाएं तो अगले एक-दो दिनों बाद भी ले सकते हैं, इस संबंध में एक बार अपने टीकाकरण केंद्र से मिलकर तारीख कन्फर्म कर लीजिएगा।
सवाल : आयुष्मान भारत योजना का गोल्डेन कार्ड कैसे बनेगा।
जवाब : अपने नजदीकी जनसेवा केंद्र या पीएचसी पर वर्ष 2011 का अपना बीपीएल कार्ड लेकर जाएं। यदि आपका नाम वर्ष 2011 में हुई आर्थिक-सामाजिक जनगणना की सूची में शामिल होगा तो आपका कार्ड बन जाएगा। अन्यथा नहीं।
-विनय कुमार
सवाल : मेरी आयु 50 वर्ष है, दांतों की आरसीटी करानी है तो क्या कोविड का टीका लग जाएगा।
-संजय पाठक, महामनापुरम कालोनी, बीएचयू।
जवाब : कोविड वैक्सीनेशन अभी 50 वर्ष से अधिक आयु वालों का हो रहा है। 45 से 60 वर्ष के उन लोगों का ही होगा, जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त होंगे। ऐप पर देख लें यदि आप उस श्रेणी में आते हों तो रजिस्ट्रेशन करवा लें।
सवाल : 45 से 60 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को किन गंभीर बीमारियों में लगेगा कोरोना का टीका।
-सुभाष अग्रवाल, ठेकमा, आजमगढ़।
जवाब : अपनी मोबाइल पर कोविन एप डाउनलोड करें। उसमें रजिस्ट्रेशन आप्शन पर जाएं। सामान्य जानकारियां भरने के बाद एक घोषणा पत्र का फार्म आएगा, उस पर सभी गंभीर बीमारियों की सूची रहेगी। उनसे प्रभावित लोग उसका प्रिंटआउट निकालकर अपने डाक्टर को दिखा लें तथा उनसे दस्तखत मूहर करवा लें, इसके बाद आनलाइन या आफलाइन रजिस्ट्रेशन करवाएं।
सवाल : मऊ जिले में आयुष्मान कार्ड से किन-किन अस्पतालों में इलाज होता है।
-इफ्तेखार अंसारी, मुहम्मदाबाद गोहना।
जवाब : सभी जनपदों के सभी सरकाररी अस्पतालों, जैसे जिला अस्पताल, सभी सीएचसी, पीएचसी पर आयुष्मान कार्ड से इलाज होता है। इसके अलावा कुछ सुविधाजनक निजी अस्पतालों को भी अनुमन्य किया गया है। आप उनकी सूची जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से ले सकते हैं।
सवाल : मेरे पास यूनिक आइडी कार्ड है। इससे क्या दिव्यांग कार्ड बन जाएगा।
-चंदन प्रसाद गुप्ता, किरकिचा, जौनपुर।
जवाब : अपने जिले के सीएमओ कार्यालय से संपर्क कर लें।
सवाल : 72 वर्ष से अधिक आयु है। कोविड वैक्सीनेशन के लिए गया था। अस्पताल से वापस कर दिया गया।
-ब्रह्मनंद सिंह, पांडेयपुर, वाराणसी।
जवाब : हर अस्पताल पर पहले से निर्धारित होता है कि किसको-किसको, कितने लोगों को टीका लगाया जाना है। इसके लिए पहले से रजिस्ट्रेशन कराकर तथा तारीख लेकर ही जाएं। आधार कार्ड व पैन कार्ड के साथ अस्पताल जाकर भी पंजीकरण करा सकते हैं।
सवाल : पत्नी की एंजियोप्लास्टी हुई है, टीका लगवाएं कि नहीं।
-सुनील कुमार सिंह, जौनपुर।
जवाब : जहां से इलाज चल रहा है, एक बार वहां के चिकित्सक से परामर्श ले लीजिए, हो सकता है कि वे कुछ चल रही दवाओं को दो-तीन दिन के लिए बंद करने को कहें।
सवाल : आयुष्मान के गोल्डेन कार्ड और आधार में नाम अलग-अलग हो गया है, कैसे सही होगा।
-राकेश कुमार मड़ुवाडीह, वाराणसी।
जवाब : दुर्गाकुंड पर स्थित सीएमओ कार्यालय में स्थित आयुष्मान सेल में संपर्क करें।
सवाल : गोल्डेन कार्ड के बारे में जानना चाहते हैं।
-सतीश पांडेय, कठार, गाजीपुर।
जवाब : आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डेन कार्ड बनता है। इसके तहत पूरे परिवार को पांच लाख रुपये तक की स्वास्थ्य सुरक्षा मिलती है। जिन परिवारों का नाम वर्ष 2011 की सामाजिक-आर्थिक गणना (सेक) की सूची में होगा, उन्हीं का बनेगा। जिनका नहीं होगा और वे बीपीएल पात्र होंगे, वे बाद में होने वाले विस्तारीकरण में शामिल हो सकते हैं।
सवाल : दिव्यांग प्रमाण पत्र कैसे बनवाएं।
-शिवम गुप्ता खुटहन जौनपुर।
जवाब : जिला अस्पताल में इसके लिए सप्ताह में दिन निर्धारित होते हैं। उसी दिन आप अपना आधार कार्ड और पूरे शरीर की फोटो, जिसमें प्रभावित अंग दिखता हो लेकर जाइए। वहां बन जाएगा।
सवाल : क्या कोरोना वैक्सीनेशन के बाद भी सावधानी बरतना जरूरी है।
-सुनीता, लाइन बाजार जौनपुर।
जवाब : बिलकुल। शरीर में प्रतिरोधक विकास में समय लगता है। हर शरीर वैक्सीन के प्रति अलग-अलग दिनों में प्रतिक्रिया करता है। इसलिए सावधानी बरतना जरूरी है।
सवाल : उम्र 47 वर्ष है, बीपी-डायबिटीज के मरीज हैं। वैक्सीन कैसे लगवाएं।
जवाब : 45 से 60 वर्ष के गंभीर बीमारी वाले लोग भी लगवा सकते हैं। आप अपनी मोबाइल में कोविन-एप प्लेस्टोर से डाउनलोड कीजिए। उसमें रजिस्ट्रेशन कीजिए और डिटेल भरकर एक प्रमाण पत्र मिलेगा, उसका प्रिंटआउट लेकर अपने डाक्टर के पास जाकर उनकी दस्तखत, मोहर लगवाकर नजदीकी टीकाकरण स्थल पर जमा कर दें। तिथि ले लें।
इन्होंने भी पूछे सवाल
शिखा दूबे कछवा रोड वाराणसी, केशव यादव मड़ुवाडीह, रविकुमार शर्मा लहरतारा, धनंजय बिंद गौरा वाराणसी, अर्जुन भारती श्रीनगर दलछपरा वाराणसी, विजय पांडेय मड़ुआ जयराम आजमगढ़, भीम जायसवाल करछना वाराणसी। प्रदीप कुमार गुप्ता, भंडारी जौनपुर। स्वतंत्र कुमार चौधरी, गोदौलिया वाराणसी। सुरेशचंद बिंद, किरकिछा जौनपुर। जयप्रकाश मिश्र, शेरवां मीरजापुर। अंशुमान मालवीय, महमूरजगंज, वाराणसी।