Covid-19 ने रोके छात्रों के कदम, नए सत्र में दाखिले को लेकर अनिश्चितता की स्थिति
कोविड-19 महामारी का शैक्षिक संस्थानों पर व्यापक प्रभाव पड़ रहा है। विश्वविद्यालयों में यूजी-पीजी के पाठ्यक्रमों की परीक्षा को लेकर ऊहापोह की स्थिति है।
वाराणसी, जेएनएन। कोविड-19 महामारी का शैक्षिक संस्थानों पर व्यापक प्रभाव पड़ रहा है। विश्वविद्यालयों में यूजी-पीजी के पाठ्यक्रमों की परीक्षा को लेकर ऊहापोह की स्थिति है तो नए सेशन में दाखिले को लेकर भी विद्याॢथयों में असमंजस है। इंटर के छात्रों को रिजल्ट का इंतजार है, वहीं पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों व बिहार के अभिभावक बच्चों को पढऩे के लिए दूसरे जिलों या राज्यों में भेजने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं हो सके हैं। यही स्थिति बनारस की है।
विश्वविद्यालयों और चुनिंदा कॉलेजों में पूर्वांचल के अलावा बिहार व अन्य राज्यों से छात्र पढऩे आते हैं। अनुमान है कि यह संख्या करीब 25 हजार है। इसी प्रकार इंटर उत्तीर्ण करने वाले करीब 25 हजार छात्र इंजीनियरिंग व मेडिकल सहित अन्य कोर्स में दाखिले को अन्य राज्यों में जाते हैं। उनकी निगाहें विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के प्रवेश परीक्षा के फार्म पर लगी रहती है। इस बार काशी विद्यापीठ, यूपी कॉलेज व हरिश्चंद्र पीजी कालेज के कई पाठ्यक्रमों में आवेदकों का टोटा है। अध्यापकों का कहना है कि यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की कापियों का मूल्यांकन चल रहा है। वहीं सीबीएसई व सीआइएससीई बोर्ड की पूरी परीक्षाएं नहीं हुई हैं। दूसरी ओर लॉकडाउन में साइबर कैफे बंद थे, जो अब खुलने शुरू हुए हैं। जिससे आवेदन बढऩे की संभावना है।
काशी विद्यापीठ में 55 फीसद आवेदन
18,000 आवेदन अब तक आए विभिन्न कोर्स में
32,500 आवेदन गत वर्ष यूजी-पीजी कोर्सेज में
55 फीसद आवेदन गत वर्ष की तुलना में
30 मई है आवेदन करने की अंतिम तिथि
यूपी कॉलेज में 33 फीसद आवेदन
3000 आवेदन अब तक हुए विभिन्न कोर्स में
11,000 कुल आवेदन आए थे पिछले साल
33 फीसद आवेदन गत वर्ष की तुलना में
31 मई है आवेदन करने की अंतिम तिथि
हरिश्चंद्र कॉलेज में 17.29 फीसद आवेदन
2335 आवेदन हुए हैं विभिन्न पाठ्यक्रम में
13500 आवेदन किए गए थे पिछले साल
17.29 गत वर्ष की तुलना में अब आए आवेदन
आवेदन करने की अंतिम तिथि तय नहीं