COVID-19 and Cancer: कोरोना संक्रमण में सतर्क रहें कैंसर के मरीज, जानें- इसके लक्षण और इलाज
COVID-19 and Cancer वाराणसी के एपेक्स हॉस्पिटल की कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकिता पटेल ने बताया कि कैंसर के कुछ मरीजों में इम्युनिटी कम होने की संभावना अधिक रहती है जैसे कीमोथेरेपी वाले मरीज या जिन्होंने पिछले तीन माह में कीमोथेरेपी प्राप्त की है।
वाराणसी,जेएनएन। COVID-19 and Cancer वर्तमान में कोरोना वायरस का प्रकोप और संक्रमण जिस तेजी से फैल रहा है, वह चिंताजनक है। जो कैंसर के मरीज हैं या कैंसर पीड़ित किसी मरीज के देखभाल करने वाले हैं तो कोरोना संक्रमण को लेकर उनकी चिंताएं और आशंकाएं कई गुना बढ़ सकती हैं। इसीलिए ऐसे समय में समझदारी से काम लेते हुए हम सभी को कुछ बातों को ध्यान में रखने की आवश्यकता है।
कैंसर और इसके उपचार से शरीर का इम्युन सिस्टम प्रभावित होता है। हमारा इम्युन सिस्टम हमारे शरीर को कोरोना वायरस जैसी बीमारी से बचाने में अहम भूमिका निभाता है। कैंसर से पीड़ित मरीजों व कैंसर के उपचार से गुजरने वाले मरीजों का इम्युन सिस्टम कमजोर हो जाता है। इससे किसी भी संक्रमण से लड़ने की क्षमता भी कम हो जाती है। कैंसर के कुछ मरीजों में इम्युनिटी कम होने की संभावना अधिक रहती है, जैसे कीमोथेरेपी वाले मरीज या जिन्होंने पिछले तीन माह में कीमोथेरेपी प्राप्त की है।
पिछले छह माह में अस्थि मज्जा या स्टेम सेल प्रत्यारोपण कराने वाले मरीज या जो मरीज अभी भी इससे संबंधित दवाएं और स्टेरॉयड ले रहे हैं। कुछ प्रकार के रक्त या लसीका प्रणाली वाले कैंसर मरीज भले ही उन्हें उपचार की आवश्यकता न हो (उदाहरण के लिए पुरानी ल्यूकेमिया, लिम्फोमा या मायलोमा) इम्युन सिस्टम को नुकसान पहुंचाते हैं।
कोविड-19 संक्रमण से बचाव हेतु कैंसर मरीजों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, जैसे
- हाथों को साबुन-पानी से दिन में कई बार धोएं। साबुन-पानी के साथ ही समय समय पर हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
- बीमार लोगों के संपर्क से बचें। विशेष रूप से खांसी वाले लोगों से।
- बार-बार अपने चेहरे, नाक और आंखों को छूने से बचें।
- शारीरिक दूरी का पालन करें।
कैंसर के मरीजों में भी वैसे ही लक्षण पाए जाते हैं, जो आम व्यक्ति में हो सकते हैं, जैसे
- बुखार आना।
- खांसी, गले में खरास, सांस लेने में तकलीफ।
- मांसपेशियों में दर्द, थकान।
- आंखों का रंग परिवर्तित होना।
- दस्त, उल्टी, पेट में ऐंठन और मितली।
- मानसिक समस्या होना।
- दिल की घबराहट।
- स्वाद और गंध महसूस न होना।
अगर महसूस हों लक्षण
किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर या किसी संक्रमण प्रभावित क्षेत्र से लौटने के उपरांत अपने डॉक्टर या राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सेवाओं से संपर्क जरूर करें। वैसे तो बेहतर रहेगा कि संक्रमण से बचने के लिए बुखार या अन्य लक्षण होने पर सीधे डॉक्टर, क्लिनिक या अस्पताल न जाएं। पहले क्लिनिक में टेलीफोन कर बात करें और डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।
जरूरी है आरटी-पीसीआर जांच
- अगर कोई लक्षण नजर आए।
- कैंसर के किसी भी प्रकार के इलाज (रेडियोथेरेपी, सर्जरी, कीमोथेरपी) से पहले।
- कोई भी कैंसर का मरीज जिसका इलाज हो चुका हो या इलाज हो रहा हो या फॉलोअप पर हो और कोरोना जैसे लक्षण आ रहे हों।
विशेषज्ञ के संपर्क में रहें
यदि किसी में हाल ही में कैंसर होने की पुष्टि हुई है तो कोरोना वायरस के जोखिमों को देखते हुए उपचार के विकल्पों के बारे में कैंसर विशेषज्ञ से बात करें। कुछ कैंसर ऐसे होते हैं, जैसे प्रोस्टेट कैंसर जिसमें सर्जरी या रेडियोथेरपी कुछ अवधि के लिए स्थगित की जा सकती है। इससे मरीज को कोई खतरा भी नहीं होगा। इस दौरान नसों में देने वाली दवाइयों की जगह ओरल टैबलेट, कैप्सूल आदि का इस्तमाल किया जा सकता है। कैंसर के जिन मरीजों की बीमारी हाई रिस्क कैटेगरी की है और जिसमें इलाज में बदलाव या देरी संभव नहीं है, उनमें पूरी जांच के बाद इलाज किया जाता है।
रेडिएशन थेरेपी में डोज नियंत्रित करके कम दिनों में ही रेडिएशन की प्रक्रिया को पूर्ण किया जा सकता है, जैसे कि स्तन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर। कैंसर के जो मरीज कैप्सूल या टैबलेट ले रहे हैं, उनके लिए टेली कंसल्टेशन की सुविधा दी जा सकती है। इससे मरीज को अस्पताल आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हालांकि चिकित्सक को ही यह निर्णय लेना है कि यदि उपचार रोकना है तो उसके क्या परिणाम हो सकते हैं और उपचार कब तक रोका जा सकता है। यदि उपचार जारी रखना है तो किन बातों को ध्यान में रखना पड़ेगा और कैसे मरीज को सुरक्षित रख सकते हैं।