Covid 19 Alert in Uttar Pradesh : तीसरी लहर को लेकर 27 अगस्त को प्रदेश भर में माकड्रिल
काेरोना संक्रमण को लेकर भले ही आमजन बेपरवाह हो गए हैं लेकिन सरकार व स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। तीसरी लहर के मद्देनजर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसे परखने के लिए 27 अगस्त को पूरे प्रदेश में एक साथ माकड्रिल किया जाएगा।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। काेरोना संक्रमण को लेकर भले ही आमजन बेपरवाह हो गए हैं, लेकिन सरकार व स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। तीसरी लहर के मद्देनजर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसे परखने के लिए 27 अगस्त को पूरे प्रदेश में एक साथ माकड्रिल किया जाएगा। शासन से मिले निर्देश के क्रम में बनारस में भी आक्सीजन प्लांट, आइसीयू व नीकू-पीकू वार्ड सहित डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता, सूचना पर उनकी तीव्र प्रतिक्रिया सहित रैपिड रिस्पांस टीम के कार्यों को जांचा जाएगा। वहीं जानकारी मिलने पर मरीज को उसकी स्थिति के मुताबिक कोविड हास्पिटल में कितनी जल्दी भर्ती करा लिया जाता है, यह भी परखा जाएगा, ताकि तीसरी लहर आने की स्थिति में उसका प्रबंधन बेहतर तरीके से किया जा सके।
स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली है। प्रदेश के अन्य जनपदों का भी कमोबेश यही हाल है। ऐसे में शासन ने प्रदेश में टीकाकरण के ड्राइ रन की तर्ज पर एक-साथ माकड्रिल करने का निर्देश दिया है। इसी कवायद के चलते 21 अगस्त को नगर विकास, शहरी समग्र विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन एवं जनपद के प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन "गोपाल जी" प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र में तैयारियों को परखने के लिए पहुंचे थे। चिकित्सीय संसाधन, बढ़ानें के साथ ही बच्चें के सबसे अधिक संक्रमित होने की आशंका के मद्देनजर जिला व मंडल स्तर पर पीडियाट्रिशियन व पैरामेडिकल स्टाफ को अलग-अगले चरणों में पहले जिला अस्पताल फिर बीएचयू में प्रशिक्षित भी किया गया था।
इन बिंदुओं पर मिला था प्रशिक्षण : प्रशिक्षण के दौरान बताया गया था कि तीसरी लहर आने पर प्रभावित बच्चों को कैसे इलाज देकर बचाया जाए। बच्चों के लक्षणों की पहचान, खतरे के चिह्न आदि के बारे में भी जानकारी दी गई। इसके साथ ही उपचार के दौरान उन्हें किस मात्रा में कौन सी दवा देनी है, वार्ड में भर्ती बच्चों के लिए लगने वाले उपकरण के प्रयोग आदि के संदर्भ में प्रशिक्षित किया गया। किस उम्र के बच्चों को कितना आक्सीजन देना है, उनका आक्सीजन लेवल, पल्स आक्सीमीटर कैसे लगाया जाए आदि भी बारीकी से समझाया गया। इसके अलावा इंफेक्शन, प्रिवेंशन एवं कंट्रोल (आइपीसी) प्रोटोकाल से भी प्रतिभागियों को अवगत कराया गया था।