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नावों के लिए वाराणसी में बन रहा देश का पहला सीएनजी स्टेशन, गेल इंडिया ने सीएसआर फंड से दी है राशि

गंगा में नाव संचालन के लिए देश के पहले स्थायी सीएनजी स्टेशन को स्थापित करने की प्रक्रिया काशी के खिड़किया घाट पर शुरू हो गई है। पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में गेल इंडिया लिमिटेड ने अस्थाई सीएनजी स्टेशन बनाया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 09:10 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 09:56 AM (IST)
नावों के लिए वाराणसी में बन रहा देश का पहला सीएनजी स्टेशन, गेल इंडिया ने सीएसआर फंड से दी है राशि
वाराणसी के खिड़किया घाट पर बने अस्थायी स्टेशन से नाव में सीएनजी भरता आपरेटर।

वाराणसी, [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। गंगा में नाव संचालन के लिए देश के पहले स्थायी सीएनजी स्टेशन को स्थापित करने की प्रक्रिया काशी के खिड़किया घाट पर शुरू हो गई है। पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में गेल इंडिया लिमिटेड ने अस्थाई सीएनजी स्टेशन बनाया है, इसका उद्घाटन 27 फरवरी को केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया था। फिलहाल स्टेशन जल परिवहन विभाग की जेटी पर संचालित हो रहा है। अब गेल इंडिया खुद की जेटी भी तैयार करा रहा है। नावों का डीजल इंजन सीएनजी में बदलने के लिए नगर निगम को गेल सीएसआर फंड से धनराशि दे रहा है। अब तक 90 से अधिक नावें सीएनजी में बदली गई हैं। शेष नाव बदलने की प्रक्रिया चल रही है। सीएनजी से नाव चलने पर वायु व जल प्रदूषण रुकेगा। नाविकों को 50 फीसद से अधिक बचत होगी।

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गेल के उप महाप्रबंधक सुरेश तिवारी के अनुसार डीजल से नाइट्रोजन आक्साइड, सल्फर आक्साइड, एसपीएम (सस्पेंडेड पर्टिकुलेट मैटर) निकलता है। सीएनजी में ऐसे तत्वों का उत्सर्जन नहीं होता। इसलिए यह पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक है।

डीजल से पांच, सीएनजी से 12 फेरा

नाविक रवि साहनी बताते हैं कि पहले वे डीजल से नाव संचालित करते थे। उनको प्रतिदिन 500-600 रुपये तक का डीजल भराना पड़ता था। वहीं उतने चक्कर काटने में महज 300-350 रुपये की सीएनजी से ही काम हो जाता है। नाविक रामबाबू ने कहा कि सरकार ने बहुत सहूलियत दी है। पांच लीटर डीजल में अस्सी से राजघाट तक मात्र चार चक्कर लग पाता है। वहीं पांच किग्रा सीएनजी से 12 चक्कर लगाया जा सकता है। इससे हमारी बचत होगी।

नाव में सिलेंडर की क्षमता 12 किग्रा

डीजल से सीएनजी में कन्वर्ट करने वाली कंपनी दिव्या इंटरप्राइजेज के साइड इंचार्ज नितेश विश्वकर्मा ने बताया कि एक नाव में इंजन व करीब 12 किग्रा के सिलेंडर की व्यवस्था है। इससे जल मार्ग में करीब 100 किमी तक सफर तय किया जा सकता है।

कार-आटो में भी भरने की सुविधा

गेल इंडिया लिमिटेड के उप महाप्रबंधक गौरीशंकर मिश्रा ने बताया कि फिलहाल नावों में सीएनजी भरने के लिए अस्थाई स्टेशन संचालित है। इसके पास में स्थायी सीएनजी स्टेशन बनाया जा रहा है। यहां से नाव संग कार, आटो में भी गैस भरने की सुविधा रहेगी। जेटी बनाने के लिए गेल की ओर से डिजाइन तैयार कराई जा रही है।

यह भी जानें

89.31 : रुपये प्रतिलीटर डीजल का भाव

57.05 : रुपये प्रति किलोग्राम है सीएनजी

11 : सीएनजी स्टेशन काशी में संचालित

25 : हजार किग्रा सीएनजी की रोज खपत


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