सचिवों के निलंबन व खाता सीज करने के प्रक्रिया तेज, दो गांवों में शौचालय निर्माण के नाम पर 37 लाख 70 हजार 644 का गबन
दो गांवों में शौचालय निर्माण के नाम पर हुए 37 लाख 70 हजार 644 रुपये के गबन के मामले में कार्रवाई की प्रक्रिया जिला पंचायत राज विभाग की ओर से तेज कर दी गई है।
गाजीपुर, जेएनएन। जनपद के दो गांवों में शौचालय निर्माण के नाम पर हुए 37 लाख 70 हजार 644 रुपये के गबन के मामले में कार्रवाई की प्रक्रिया जिला पंचायत राज विभाग की ओर से तेज कर दी गई है। ग्राम प्रधानों व सचिवों पर मुकदमा दर्ज करने के बाद अब दोनों सचिवों के निलंबन व गांव का खाता सीज करने को लेकर कागजी खानापूर्ति तेज कर दी गई है। बाराचवर व सादात विकासखंड में जांच के दौरान प्रकाश में आए ऐसे मामलों पर सख्त हुए डीपीआरओ के बाद अनियमितता करने वाले प्रधानों व सचिवों में खलबली मची हुई है।
बाराचवर विकास खंड के नारायनपुर गांव को ओडीएफ मुक्त करने के लिए 254 पात्रों के शौचालय निर्माण के लिए 30 लाख 48 हजार रुपये भेजे गए थे। गांव में 192 शौचालय 70 अपात्र को दे दिए गए।
जबकि 62 शौचालय का निर्माण हुआ ही नहीं व 86 शौचालय आधे-अधूरे व अपूर्ण थे। जांच के दौरान 21 लाख 84 हजार रुपये गड़बड़ झाले का मामला प्रकाश में आया। वहीं सादात ब्लाक के ससना गांव को ओडीएफ करने के लिए 254 लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन यहां भी 107 शौचालय नहीं बने व 58 अपूर्ण मिले। यहां भी 15 लाख 86 हजार 644 रुपया बंदरबांट किया गया। जांच के बाद जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा दोनों विकास खंड के एडीओ पंचायत को निर्देशित कर ग्राम प्रधानों व सचिवों के खिलाफ गबन का मामला थाने में दर्ज कराया गया। अब जहां दोनों सचिवों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी गई है। वहीं ग्राम प्रधानों का खाता सीज करने लिए कागजी खानपूर्ति शुरू हो चुकी है। ऐसे में शौचालय निर्माण के नाम पर लाखों रुपये गड़प करने वाले लोगों में खलबली की स्थिति बनी हुई है।
बोले अधिकारी : सचिवों के निलंबन व ग्राम प्रधानों का खाता सीज करने को लेकर प्रक्रिया तेज हो चुकी है। जल्द ही यह कार्रवाई करने के बाद जिला प्रशासन को रिपोर्ट भेजने के साथ ही कमेटी का गठन कर आगे की भी कार्रवाई की जाएगी। - रमेश चंद्र उपाध्याय, डीपीआरओ।