कॉरिडोर निर्माण : श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में बनेगा इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर, सुरक्षा से हाईटेक नियंत्रण
श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर में इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर बनाया जाएगा। इसमें हाईटेक संसाधन स्थापित किए जाएंगे जिससे कॉरिडोर परिक्षेत्र में कोने-कोने पर नजर रहेगी।
वाराणसी, जेएनएन। श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर में इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर बनाया जाएगा। इसमें हाईटेक संसाधन स्थापित किए जाएंगे जिससे कॉरिडोर परिक्षेत्र में कोने-कोने पर नजर रहेगी तो वहीं, एक ही स्थान से हाईटेक मशीनों से सुरक्षा के साथ ही प्रदान सुविधाओं को नियंत्रित भी किया जाएगा।
इस इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर में एक पूरी यूनिट कार्य करेगी। कार्यशैली स्मार्ट सिटी के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की तरह होगी जहां पर सुरक्षा अधिकारी तो रहेंगे ही, सुविधाओं को प्रदान करने वाले विभागों के कर्मचारी भी तैयार करेंगे। प्रस्तावित श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण 5.3 लाख वर्ग फीट में हो रहा है। इसकी क्षमता दो लाख श्रद्धालुओं की है। इसमें काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट और ललिता घाट से लगायत वर्तमान मंदिर परिक्षेत्र समाहित है। इस बाबा विश्वनाथ धाम में 30 फीसद ढांचागत निर्माण हो रहा है तो 70 फीसद हिस्सा खाली है जहां पर हरियाली रहेगी। धाम में घाट की ओर से आने के लिए ललिता घाट पर प्रवेश द्वार बनाया जाएगा। इसके अलावा सरस्वती फाटक, नीलकंठ और ढुंढिराज गेट से भी विश्वनाथ धाम में प्रवेश किया जा सकेगा। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण में 390 करोड़ रुपये लगे है जबकि इसके निर्माण में 340 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। कुल मिलाकर करीब 800 करोड़ रुपए की योजना है। अगस्त 2021 तक बनकर तैयार होगा। कॉरिडोर के किनारे खड़ी की गईं टिन की ऊंची दीवारों के अंदर अभी खुदाई, फाउंडेशन और कॉलम खड़े करने का काम चल रहा है। भारी-भरकम सुरक्षा के बीच कारीगर, इंजीनियर कॉरिडोर को आकार देने में लगे हैं। 3100 वर्ग मीटर में मंदिर परिसर बनेगा।
कॉरिडोर में ढांचागत निर्माण
मुख्य मंदिर परिसर, मंदिर चौक, संग्रहालय, सभागार, हॉल, सुविधा केंद्र, मोक्ष गृह, गोदौलिया गेट, भोजशाला, पुजारियों-सेवादारों के लिए आश्रय, आध्यामिक पुस्तक स्टॉल आदि।
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। जो तय वक्त पर हो जाएगा। तब कॉरिडोर का भव्य स्वरूप निखर कर सामने आएगा। इसमें इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर भी बनेगा।
- गौरांग राठी, सीईओ, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर