Coronavirus Varanasi City News Update : 3515 जांच रिपोर्ट में 200 नए Covid-19 Positive मिले
बीएचयू व मंडलीय अस्पताल लैब से प्राप्त 3515 जांच रिपोर्ट में कुल 200 नए कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। होम आइसोलेशन के 150 व अस्पताल में भर्ती आठ मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें स्वस्थ घोषित कर दिया गया। 24 घंटे में चार मरीजों की मौत हो गई।
वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू व मंडलीय अस्पताल लैब से शुक्रवार को प्राप्त 3515 जांच रिपोर्ट में कुल 200 नए कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। होम आइसोलेशन के 150 व अस्पताल में भर्ती आठ मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें स्वस्थ घोषित कर दिया गया। वहीं इलाज के दौरान पिछले 24 घंटे में चार मरीजों की मौत हो गई।
गुरुवार शाम से शुक्रवार सुबह तक कुल 2423 सैंपलों के परिणाम आए, जिसमें 160 कोरोना पॉजिटिव मिले। वहीं सुबह से लेकर शाम तक 1092 सैंपलों के ही परिणाम आ सके, जिनमें 40 संक्रमित मिले। कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या बढ़ कर अब 13794 हो गई है। इनमें से अब तक 11875 मरीज ठीक होकर अपने घर-परिवार में जा चुके हैं। वर्तमान में कुल 1695 सक्रिय कोरोना मरीज हैं। कोविड लेवल-थ्री अस्पताल बीएचयू में सारनाथ निवासी 80 वर्षीय पुरुष, फूलपुर-पिंडरा निवासिनी 79 वर्षीय महिला, पहडिय़ा निवासी 44 वर्षीय पुरुष व मिर्जामुराद निवासिनी 45 वर्षीय महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। जिले में कोरोना से अब तक कुल 224 मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं अब तक 214746 सैंपल के रिपोर्ट आ चुके हैं, जिनमें से 13794 पॉजिटिव व 200957 निगेटिव रहे। वहीं 4457 सैंपल के परिणाम का इंतजार है।
नए साल की शुरूआत तक कोरोना या फिर बचाएं ठंड के रोग से
कोरोना के दौर में बाहर से आने के बाद स्नान और कपड़े धुलने पड़ते हैं, कड़ाके की ठंड में यह दिन में कितनी बार संभव है। ऐसे में कोरोना से बचना है तो जाड़़े की बीमारियों यानी कि सर्दी, खांसी, जुकाम, निमोनिया और बुखार के लिए तैयार रहना होगा। वहीं वायु प्रदूषण की बात करें तो इस साल जनवरी की ठंड में प्रदूषण का एक्यूआइ (एयर क्वालिटी इंडेक्स) स्तर 240 था जो लाकडाउन के बाद जून में 63, जुलाई में 44, अगस्त में 54 और सितंबर में 104 पर आ गया। आंकड़े बताते हैं कि अगस्त के बाद सितंबर में वायु प्रदूषण का स्तर दोगुनी गति से बढ़ा है। ऐसे में वायरोलॉजिस्ट और पर्यावरणविदों का कहना है कि महामारी, और बढ़ते वायु प्रदूषण से मानव संग पर्यावरण की भी प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) पर दोहरा प्रहार होगा।
आइएमएस बीएचयू स्थित मालीक्यूलर बायोलाजी के वायरोलाजिस्ट प्रो. सुनीत कुमार ङ्क्षसह का कहना है कि अभी तक हमने अपनी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के तमाम प्रयास किए, मगर उसका असली परीक्षण तो अब जाड़े के मौसम में होगा। ठंड में व्यक्ति को यदि कोरोना के साथ कोई भी श्वसन रोग या निमोनिया हो गया तो मरीज की प्रतिरोधक क्षमता पर यह दोहरी मार पड़ेगी। ऐसे में उसे काल के गाल से बचाने के लिए वैक्सीन या फिर कोई कारगर दवा की जरूरत पड़ेगी। वहीं मौसम व पर्यावरण विज्ञानी प्रो. मनोज श्रीवास्तव का कहना है कि बनारस का वर्तमान एयर क्वालिटी इंडेक्स 140 है जो कि औसत से तीन गुना ज्यादा है। वहीं ठंड आते ही यह वायुमंडल में प्रदूषण का विस्तार तेजी से जमीन की ओर होगा। इसके पीछे कारण यह है कि वायुमंडल वर्तमान जैसा खुला नहीं होगा। कोहरे और घने बादलों के कारण ये प्रदूषक तत्व जमीन से एक-डेढ़ किमी ऊंचाई तक ही छाए रहेंगे जिससे लोगों की बीमारियों में इजाफा होगा। ठंड व वायु प्रदूषण के कारण एलर्जी, हृदय, श्वसन व पाचन संबंधी बीमारियों का मामला बढ़ेगा। इससे कोरोना को एक बढ़त मिल सकती है।