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Coronavirus Varanasi में निजी चिकित्सालय बनाएं कोविड-19 पॉजिटिव रोगियों के लिए इमरजेंसी आइसोलेशन वार्ड

निजी चिकित्सालयों व नर्सिंग होम में टेली मेडिसिन कंसल्टेशन ओपीडी इमरजेंसी ओपीडी व इमरजेंसी आईपीडी सेवाओं का संचालन के लिए जिलाधिकारी ने निर्देश जारी किया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 09 May 2020 11:30 AM (IST)Updated: Sat, 09 May 2020 11:30 AM (IST)
Coronavirus Varanasi में निजी चिकित्सालय बनाएं कोविड-19 पॉजिटिव रोगियों के लिए इमरजेंसी आइसोलेशन वार्ड
Coronavirus Varanasi में निजी चिकित्सालय बनाएं कोविड-19 पॉजिटिव रोगियों के लिए इमरजेंसी आइसोलेशन वार्ड

वाराणसी, जेएनएन। निजी चिकित्सालयों व नर्सिंग होम में टेली मेडिसिन कंसल्टेशन ओपीडी, इमरजेंसी ओपीडी व इमरजेंसी आईपीडी सेवाओं का संचालन के लिए जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने शुक्रवार को हॉस्पिटल प्रबंधन को निर्देश जारी किया है। कहा, कोविड-19 पॉजिटिव रोगियों की संख्या में वृद्धि हो रही है। ऐसे में समस्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने वाली इकाईयों के लिए यह अत्यन्त महत्वपूर्ण व आवश्यक हो जाता है कि वह अपनी इकाई पर इस प्रकार से व्यवस्था कर लें कि उनके स्टाफ, चिकित्सालय तथा अन्य व्यक्तियों में संक्रमण न हो।

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निजी क्षेत्र में संचालित चिकित्सालय, नर्सिंग होम अपनी इकाई पर एक ऐसा इमरजेंसी आइसोलेशन वार्ड बना लें जिसमें वे अपनी इकाई में आपात चिकित्सा के लिए समस्त रोगियों को यह मानते हुए एडमिट किया जाए कि वे कोविड-19 से संक्रमित हैं। इस वार्ड में सभी स्टाफ पीपीई से रक्षित रहते हुए तथा इंफेक्शन प्रिवेंशन प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करते हुए रोगियों का उपचार करें। आपात स्थिति में ऐसे रोगियों के ऑपरेशन के लिए एक आपरेशन थिएटर इस प्रकार से तैयार की जाए कि उसमें सभी स्टाफ पीपीई से रक्षित रहते हुए तथा इंफेक्शन प्रिवेन्शन प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करते हुए रोगियों की शल्य क्रिया संपन्न कर सकें। यदि किसी रोगी की शल्य क्रिया 24 घंटे तक विलंबित की जा सकती है तो संबंधित रोगी के लक्षणों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करते हुए आवश्यक होने पर उनकी कोविड-19 की जांच कराने के उपरान्त ही शल्य क्रिया संपन्न करें।

जारी हुए ये निर्देश

-इमरजेंसी प्रवेश द्वार पर ऐसे कर्मी की नियुक्ति करें जो ट्रिपेल लेयर मास्क का पहनना सुनिश्चित करें।

-मरीज प्रवेश से पूर्व ही सैनिटाइज किया जाए।

-शारीरिक दूरी का शतप्रतिशत पालन हो।

-केंद्र के समस्त स्टाफ द्वारा एन-95 मास्क का उपयोग किया जाए।

-समय-समय पर वे अपने हाथों व शरीर का सैनिटाइज करें।

-जनमानस व रोगियों के प्रत्यक्ष संपर्क में आने वाले चिकित्सकों व कर्मचारियों को पी0पी0ई0 किट उपलब्ध कराया जाए।

-प्रत्येक पटल पर सैनिटाइजर रखवाया जाए।

-प्रत्येक पटल के ग्लास, ग्लासशीट अथवा हार्ड ट्रांसपैरेंट प्लास्टिक शीट से इस प्रकार कवर किया जाए कि किसी का प्रत्यक्ष संपर्क संभव न हो सके।

-पैथालॉजी केंद्र की गैलरी को इस प्रकार से व्यवस्थित किया जाए कि पैथालॉजी, सिटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड के लिए आने वाले व्यक्ति अलग-अलग ही रहें।

केंद्र पर किसी दशा में भी भीड़ एकत्रित न होने दी जाए।

-केंद्र के प्रवेश द्वार पर ही आने वाले प्रत्येक व्यक्ति, रोगी तथा सहयोगी सहित अन्य व्यक्तियों की संपूर्ण स्क्रीनिंग की जाए।

-उनके नाम, पते, मोबाइल नंबर आदि का पूर्ण विवरण एक पंजिका में अवश्य रूप से अंकित कर लिया जाए।

-इसके लिए प्रारूप मुद्रित करवाकर केंद्र पर आने वाले व्यक्ति व रोगी तथा उसके सहयोगी कोविड-19 संक्रमित परिवार के हैं अथवा नहीं, पूर्व यात्रा विवरण, तिथि, समय व संपर्क में आए लोगों के नाम आदि अवश्य अंकित करें।

-यह भी दर्ज करें कि केंद्र में आने वाले व्यक्ति, रोगी तथा उनके सहयोगी किसी कोविड-19 हॉटस्पाट घोषित क्षेत्र के निवासी हैं अथवा नहीं?


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