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वाराणसी में अब दो सरकारी व दो निजी अस्पताल में ही भर्ती हों सकेंगे कोरोना वायरस संक्रमित मरीज

कोविड लेवल-1 हास्पिटल ईएसआइसी व डीरेका में भर्ती सभी मरीज ठीक होकर जा चुके हैं। वर्तमान में यहां कोई मरीज नहीं है। ऐसे में इन दोनों अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग ने भविष्य की जरूरतों के मद्देनजर रिजर्व कर दिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 03:20 AM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2020 09:34 AM (IST)
वाराणसी में अब दो सरकारी व दो निजी अस्पताल में ही भर्ती हों सकेंगे कोरोना वायरस संक्रमित मरीज
अब केवल बीएचयू, जिला अस्पताल, हेरिटेज व एपेक्स में ही गंभीर कोरोना मरीजों को भर्ती किया जाएगा।

वाराणसी, जेएनएन। कोविड लेवल-1 हास्पिटल ईएसआइसी व डीरेका में भर्ती सभी मरीज ठीक होकर जा चुके हैं। वर्तमान में यहां कोई मरीज नहीं है। ऐसे में इन दोनों अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग ने भविष्य की जरूरतों के मद्देनजर रिजर्व कर दिया है। अब केवल बीएचयू, जिला अस्पताल, हेरिटेज व एपेक्स में ही गंभीर कोरोना मरीजों को भर्ती किया जाएगा। वहीं बिना लक्षण वाले लेवल-1 के मरीज होम क्वारंटाइन होंगे।

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 जिले में सक्रिय कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से घट रही है। एक सप्ताह पहले जहां 729 मरीज थे, तो वहीं यह आंकड़ा रविवार को 611 पर आ गया। सीएमओ डा. वीबी सिंह ने बताया कि भविष्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी तो लेवल-1 के अस्पताल ईएसआइसी व डीरेका का उपयोग किया जाएगा। अब केवल सरकारी व दो निजी अस्पतालों में ही कोरोना मरीजों का इलाज किया जाएगा। ज्ञात हो कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर मार्च में तीन लेवल के अस्पताल तैयार किए गए थे। लेवल-1 में सेंट मैरी अस्पताल, आयुर्वेद कालेज, डीरेका व ईएसआइसी को चिह्नित किया गया था, वहीं जिला अस्पताल को लेवल-2 एवं बीएचयू के शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी काम्प्लेक्स को लेवल-3 में रखा गया था। होम आइसोलेशन की सुविधा शुरू होने के बाद लेवल-1 अस्पतालों से मरीज कम होते गए। ऐसे अस्पतालों में लगभग न के बराबर मरीजों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पहले लोहता स्थित सेंट मैरी अस्पताल, इसके बाद आयुर्वेद कालेज और डीरेका अस्पतालों में कोरोना वार्ड को बंद कर दिया। वहीं अब ईएसआइसी में भी मरीज भर्ती होने बंद हो गए। हालांकि भविष्य की जरूरतों को देखते हुए एहतियात के तौर पर ईएसआइसी व डीरेका अस्पताल को रिजर्व रखा गया है। लेवल-1 के बिना लक्षण वाले मरीज होम क्वारंटाइन हो रहे हैं, जबकि लक्षण वाले मरीजों को जिला अस्पताल में ही भर्ती करने का निर्णय लिया गया है।


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