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वाराणसी में कोरोना जांच मोहल्लों में, इलाज घरों में ही होगा, 15 मोबाइल वार्ड क्लीनिक वाहनों को हरी झंडी

वाराणसी जिला प्रशासन द्वारा गुरुवार को शुरू किए गए इस नई व्यवस्था के 15 मोबाइल वार्ड क्लीनिक वाहनों को कमिश्नर व जिलाधिकारी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 06:19 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 01:06 AM (IST)
वाराणसी में कोरोना जांच मोहल्लों में, इलाज घरों में ही होगा, 15 मोबाइल वार्ड क्लीनिक वाहनों को हरी झंडी
वाराणसी में कोरोना जांच मोहल्लों में, इलाज घरों में ही होगा, 15 मोबाइल वार्ड क्लीनिक वाहनों को हरी झंडी

वाराणसी, जेएनएन। जिले में विगत 15 दिनों के अंदर कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या में हुए बढ़ोतरी को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए इस पर तत्काल रोक लगाए जाने की अब ठान ली है। अब कोरोना सिंटम्‍स के जांच एवं इलाज के लिए लोगों को ओपीडी एवं अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि उनके मोहल्ले में ही डॉक्टर जाकर उनका जांच कर इलाज सुनिश्चित करेंगे। वाराणसी जिला प्रशासन द्वारा गुरुवार को शुरू किए गए इस नई व्यवस्था के 15 मोबाइल वार्ड क्लीनिक वाहनों को कमिश्नर दीपक अग्रवाल एवं जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कमिशनरी स्थित अपने कार्यालय परिसर से संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

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कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के संक्रमण एवं उससे बचाव के साथ-साथ संक्रमित लोगों को उनकी सुविधा के अनुसार चिकित्सा व्यवस्था मुहैया कराए जाने में निश्चित रूप से यह मोबाइल वार्ड क्लीनिक के लिए सार्थक साबित होगा। उन्होंने बताया कि इस मोबाइल वार्ड क्लीनिक वाहन में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, एलोपैथिक, होम्योपैथी व आयुर्वेद के जीवन रक्षक दवाओं एवं आवश्यक मेडिकल जांच उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित कराया गया है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि मोबाइल वार्ड क्लीनिक के माध्यम से एक माह का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। प्रत्येक थाना क्षेत्र में एक-एक मोबाइल वार्ड क्लीनिक वाहन आगामी एक माह तक चक्रमण करेंगी। उन्होंने बताया कि मोहल्ले में लाउड हेलर, आशा एवं एएनएम के माध्यम से लोगो को एकत्र कर उनका मौके पर ही स्क्रीनिंग एवं जांच कराए जाएंगे। कोरोना के लक्षण मिलने पर संबंधित व्यक्ति का मौके पर ही इलाज शुरू कर दिया जाएगा। इससे अब लोगों को ओपीडी, ईएसआई एवं अन्य अस्पतालों में आने की जरूरत नहीं होगी। जिलाधिकारी ने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि विगत 15 दिनों में कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए यह व्यवस्था सुनिश्चित कराया गया है, ताकि कोरोना के संक्रमण पर रोक लगाया जा सके। उन्होंने बताया कि इस मोबाइल वार्ड क्लीनिक द्वारा जिन लोगों को शुगर एवं ब्लड प्रेशर आदि बीमारी पूर्व से है, उनका भी इलाज किया जाएगा ताकि वे भविष्य में कोरोना वायरस से संक्रमित न होने पाए। उन्होंने बताया कि मोबाइल वार्ड क्लीनिक वाहन में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं एवं मेडिकल जांच उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित कराया गया है।

तीन हजार तक भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ेगी तो कुछ स्कूल भवन चिह्नित  किए गए हैं

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि जनपद में सभी कोरोना संक्रमित मरीजों का पूरी तरह देखभाल एवं इलाज किया जा रहा है। होम क्‍वारंटाइन की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि वाराणसी में 800 से अधिक कोरोना के एक्टिव मरीज हैं, सभी का इलाज अस्पताल में चल रहा है। कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या एक हजार भी हो जाएगा तो कोई परेशानी नहीं होगी। तीन हजार तक भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ेगी तो कुछ स्कूल भवन चिह्नित  किए गए हैं उन्हें अस्पताल में कंवर्ट कर मरीजों का इलाज सुनिश्चित कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुछ निजी विद्यालय जो अच्छे हालत में हैं उनके प्रबंधन से वार्ता करके सूची तैयार कर ली गई है, कुछ इंटर कॉलेज भवन में भी व्यवस्था जरूरत के अनुसार बेड एवं डाक्टर तथा पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था करके किया जाएगा। इसके साथ ही यदि आवश्यकता पड़ी तो शहर के कुछ चिकित्सालयों के बेड, वहां के स्वास्थ कर्मी तथा वेंटीलेटर आदि को सरकारी अस्पताल से जोड़कर भी चलाया जाएगा और यदि जरूरत नहीं पड़ा तो सरकारी अस्पताल में ही इलाज होता रहेगा। जिलाधिकारी ने बताया कि मैन पावर एवं लैब टेक्नीशियन की भी व्यवस्था सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि जिले में ए सिंप्टोमेटिक मरीजों की संख्या है जो वास्तव में चिंता का विषय है। किंतु सभी के स्वास्थ्य की पूरी तरह रखवाली जिला प्रशासन करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि बीएचयू में 400 बेड की व्यवस्था है, अभी वहां पर केवल 150 बेड क्षमता का संचालन हो रहा है। जरूरत के अनुसार 50-50 बेड की बढ़ोतरी करके जरूरत के अनुसार पूरी क्षमता पर इसे संचालित कराया जाएगा।


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