Corona Infection ने लगाया विकास पर ब्रेक, वाराणसी में दस माह से नहीं हुआ टेंडर
कोरोना महामारी ने जहां आमजन को भयजदा कर दिया है वहीं विकास कार्यों पर भी ब्रेक लग गया है। ऐसे में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग भी महामारी की चपेट में आ गया है। कोविड-19 में सांसद व विधायक निधि के चले जाने से विभाग के पास कोई काम ही नहीं है।
जौनपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी ने जहां आमजन को भयजदा कर दिया है, वहीं विकास कार्यों पर भी ब्रेक लग गया है। ऐसे में आरईएस (ग्रामीण अभियंत्रण विभाग) भी महामारी की चपेट में आ गया है। कोविड-19 में सांसद व विधायक निधि के चले जाने से विभाग के पास कोई काम ही नहीं है। इस विभाग के द्वारा केवल जनप्रतिनिधियों की निधि से ही विकास कार्य कराया जाता है। निधि न होने से इस विभाग में पिछले दस माह से किसी तरह का कोई टेंडर नहीं कराया गया। पुराने कार्यों में ही इक्का-दुक्का ही काम चल रहे हैं। ऐसे में टूटी सड़कों की मरम्मत व नवनिर्माण भी नहीं हो पा रहा है। इससे विकास की बाट जोह रहे लोगों को मायूसी झेलनी पड़ रही है।
ग्रामीण अभियंत्रण विभाग से विधायक निधि, सांसद निधि, पूर्वांचल विकास निधि के तहत सड़कों की मरम्मत व नवीनीकरण का कार्य किया जाता है। कोरोना को लेकर विधायकों की निधि एक साल व सांसद निधि को दो साल तक निलंबित कर दिया गया है। इतने दिनों तक विकास के मद में इनको कोई धनराशि नहीं दी जाएगी। वहीं प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 37 सड़कों का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है, जिसके लिए अभी तक अनुमति नहीं मिली है। कोरोना संक्रमण काल से पूर्व के जो कार्य थे, वह पूरे हो चुके हैं। कुल मिलाकर अब विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के पास कोई काम नहीं बचा है।
फिलहाल निधि न होने से कोई कार्य नहीं हो रहे हैं
इस बाबत ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के एई प्रमोद कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल से पहले का टेंडर कार्य कराया गया था। फिलहाल निधि न होने से कोई कार्य नहीं हो रहे हैं।