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Corona infection in Varanasi : चिंता कीजिए, क्योंकि जनपद में खाली नहीं है आइसीयू और एचडीयू

जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति भयावह होती जा रही है। श्मशान में लाशों का अंबार है तो वहीं कब्रगाहें भी मय्यत के बोझ से परेशान हैं। हर ओर जहां अपनों को खाने का क्रुंदन है तो वहीं इंटरनेट मीडिया पर मरघट वाला सन्नाटा पसरा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 06:10 AM (IST)Updated: Sat, 17 Apr 2021 06:10 AM (IST)
Corona infection in Varanasi : चिंता कीजिए, क्योंकि जनपद में खाली नहीं है आइसीयू और एचडीयू
जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति भयावह होती जा रही है।

वाराणसी, जेएनएन। जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति भयावह होती जा रही है। श्मशान में लाशों का अंबार है तो वहीं कब्रगाहें भी मय्यत के बोझ से परेशान हैं। हर ओर जहां अपनों को खाने का क्रुंदन है तो वहीं इंटरनेट मीडिया पर मरघट वाला सन्नाटा पसरा है। मगर आपको सचेत करने का कारण दूसरा है। दरअसल, जिले में आइसीयू (इंटेसिव केयर यूनिट) बेड खाली नहीं है, तो वहीं एचडीयू (हाई डिपेंडेंसी यूनिट) भी कोरोना के गंभीर मरीजों को नहीं मिल पा रहा है।

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स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले में कोविड अस्पतालों में आइसीयू के कुल 344 बेड हैं, जो इस वक्त फुल हैं। वहीं एचडीयू के 84 बेड में एक भी खाली नहीं है। वहीं आइसोलेशन के 810 बेड में से केवल 150 ही शुक्रवार की शाम तक खाली थे। आक्सीजन वाले बेड का भी हाल बुरा ही है। जिले में आक्सीजन वाले कुल 874 बेड आरक्षित हैं, जिसमें से 722 पर कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। यानी आक्सीजन वाले केवल 143 बेड ही वर्तमान में रिक्त हैं। वहीं 185 सामान्य बेड में से 141 खाली हैं, जिन पर मरीज भर्ती किए जा सकते हैं। प्रभारी सीएमओ डा. एनपी सिंह ने बताया कि जिले में लगातार निजी अस्पतालों को कोविड के रूप में मान्यता दी जा रही है। बेड व चिकित्सीय सुविधाएं बढ़ाने का काम भी लगातार जारी है। कोविड कमांड सेंटर के माध्यम से जरूरत के मुताबिक मरीजों को अस्पतलों में शिफ्ट किया जा रहा है।

वर्ग             कुल बेड     रिक्त

आइसीयू       344              0

एचडीयू          84              0

आइसोलेशन  810         150 

आक्सीजन बेड

कुल     भर्ती मरीज      रिक्त

874      722                  143

बिना आक्सीजन वाले बेड

कुल     भर्ती मरीज      रिक्त

185        54                  141

सप्ताह भर बाद भी नहीं मिल रही रिपोर्ट

कोरोना संक्रमण की दर बढऩे के साथ ही जिले में सैंपलों के परिणाम भी विलंब से मिल रहे हैं। बीएचयू व मंडलीय हास्पिटल के लैब में कुल मिलाकर 5681 सैंपल पेंङ्क्षडग हैं, जिनके परिणाम का इंतजार है। सारनाथ निवासी संदिग्ध मरीज ने एक सप्ताह पूर्व कोविड जांच कराई थी, तो वहीं बादशाहबाद निवासी मरीज की कांटेक्ट ट्रेङ्क्षसग के तहत जांच दस दिन पहले जांच हुई। बादशाहबाग वाले की रिपोर्ट तो सप्ताहभर बाद आई तो वहीं सारनाथ के मरीज की अब भी पेंडिंग है। यही हाल कमोबेश जांच कराने वाले हर दसवें मरीज का है। हड़बड़ी में मोबाइल नंबर दर्ज करने में गलती होने पर रिपोर्ट आ ही नहीं रही।

ऐसे में जांच कराने वालों को पता नहीं चल पा रहा कि वो निगेटिव है या पाजिटिव। सैंपलों की पेंडेंसी पर प्रभारी सीएमओ डा. एनपी सिंह ने कहा कि जांच करने वाले कई लैब टेक्नीशियन पाजिटिव हुए हैं। उन्हें रिप्लेस करने में थोड़ा परेशानी हुई है। वहीं बीएचयू व मंडलीय अस्पताल के लैब परिणाम आने पर भी नेट सपोर्ट ठीक तरह न मिलने पर रिपोर्ट अपलोड नहीं कर पा रहे हैं। समस्या दूर कर ली गई है। शनिवार से इसमें तेजी आएगी।


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