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परिवहन विभाग में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का ठेका निजी एजेंसी को, ड्राइविंग लाइसेंस को भटक रहे लोग

परिवहन विभाग में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का ठेका निजी एजेंसी को मिलने के साथ अभ्यर्थियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। एजेंसी की ओर से एक सप्ताह में ड्राइविंग लाइसेंस देने का समय निर्धारित होने के बाद भी उन्हें नहीं मिल रहा है।

By Abhishek sharmaEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 09:44 AM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 09:44 AM (IST)
परिवहन विभाग में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का ठेका निजी एजेंसी को, ड्राइविंग लाइसेंस को भटक रहे लोग
ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का ठेका निजी एजेंसी को मिलने के साथ अभ्यर्थियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है

वाराणसी, जेएनएन। परिवहन विभाग में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का ठेका निजी एजेंसी को मिलने के साथ अभ्यर्थियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। एजेंसी की ओर से एक सप्ताह में ड्राइविंग लाइसेंस देने का समय निर्धारित होने के बाद भी उन्हें नहीं मिल रहा है। उन्हें डीएल मिलने में एक-दो सप्ताह नहीं, एक- दो माह लग जा रहे हैं, कई  लोगों के डीएल तो आए तक नहीं। परेशान अभ्यर्थी परिवहन कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें यह कोई बताने वाला नहीं है कि डीएल कब मिलेगा। एजेंसी कर्मी डाक विभाग में पता लगाने की नसीहत देकर पल्ला झाड़ रहे हैं।

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सड़क दुर्घटनाओं को रोकने, अभ्यर्थियों को यातायात नियमों की जानकारी देने तथा उनकी सुविधा के लिए शासन ने ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का ठेका नोएडा के एक कंपनी को दिया है। इसका फायदा अभ्यर्थियों को मिलने को कौन कहे और उनकी मुसीबतें बढ़ गई है। परीक्षा में पास अभ्यर्थियों के डीएल उनके घर नहीं पहुंच रहे हैं। परेशान अभ्यर्थी परिवहन कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनकी समस्या खत्म नहीं हो रही है। यह समस्या एक-दो अभ्यर्थियों की नहीं है, बल्कि ज्यादातर है। इतना ही नहीं, एक माह तक डीएल घर नहीं पहुंचने से परेशान अभ्यर्थियों ने डुप्लीकेट डीएल बनवाना ज्यादा मुनासिब समझा।

डुप्लीकेट बनवाने पर 15 से 20 दिन बाद डीएल आ गए लेकिन इसका अलग से बोझ अभ्यर्थियों पर पड़ रहा है। कई के तो डुप्लीकेट भी नहीं मिले। इस बारे में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) सर्वेश चतुर्वेदी का कहना है कि अभ्यर्थियों द्वारा सही नाम और पता नहीं देने से ज्यादा दिक्कत आती है। इसीलिए रजिस्ट्री के लिफाफे पर उन्हीं से नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखवाया जाता है जिससे कोई कंफ्यूजन नहीं रहे।


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