महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के संविदा शिक्षकों ने झाड़ू लगाकर जताया विरोध, भुगतान न होने पर नहीं मनाएंगे दीपावली
सेवा विस्तार व चार माह के बकाया वेतन की मांग को लेकर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के संविदा (कोर फैकल्टी) शिक्षकों ने आंदोलन के नौवें दिन मंगलवार को परिसर में झाड़ू लगाकर विरोध जताया। शिक्षकों ने वेतन भुगतान होने तक सत्याग्रह जारी रखने का निर्णय लिया है।
वाराणसी, जेएनएन। सेवा विस्तार व चार माह के बकाया वेतन की मांग को लेकर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के संविदा (कोर फैकल्टी) शिक्षकों ने आंदोलन के नौवें दिन मंगलवार को परिसर में झाड़ू लगाकर विरोध जताया। शिक्षकों ने वेतन भुगतान होने तक सत्याग्रह जारी रखने का निर्णय लिया है।
परिसर स्थित पंत प्रशासनिक भवन के सामने धरनास्थल पर बेमियादी सत्याग्रह पर बैठे शिक्षकों ने इस वर्ष दीपावली पर्व नहीं मनाने का निर्णय लिया है। शिक्षकों का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से 13 मार्च को जारी शासनादेश में संविदा शिक्षकों के सेवा विस्तार का स्पष्ट उल्लेख है। इसके तहत वीर बहादुर ङ्क्षसह पूर्वांचल विश्वविद्यालय (जौनपुर) सहित अन्य राज्य विश्वविद्यालयों में इसे प्रभावी भी कर दिया गया है। विद्यापीठ की कार्य परिषद ने भी इसे मई में ही स्वीकार कर लिया। इसके बावजूद जुलाई से संविदा शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है, जबकि संविदा शिक्षकों से आनलाइन पठन-पाठन का काम भी लिया गया था। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में अचानक नए सिरे से संविदा शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय लिया गया। शिक्षकों ने कुलपति से अपने निर्णय पर फिर से विचार करने का कई बार अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने शिक्षकों का अनुरोध ठुकरा दिया। ऐसे में सत्याग्रह पर बैठने के लिए शिक्षकों को बाध्य होना पड़ा। उधर सपा के एमएलसी प्रत्याशी आशुतोष सिन्हा व डा. फरीद अंसारी ने सत्याग्रह स्थल पर पहुंच कर शिक्षकों के आंदोलन को समर्थन दिया है। परिसर में झाड़ू लगाने वालों में मुख्य रूप से डा. आलोक शुक्ला, डा. एसपीएन ङ्क्षसह, डा. अविनाश ङ्क्षसह, डा. शशि प्रकाश, डा. प्रभाशंकर मिश्र, डा. मनोहर लाल, डा. शत्रुघ्न, डा. राजेश कुमार सहित अन्य लोग शामिल थे।