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मेक इन इंडिया की तर्ज पर दस हजार हार्स पाॅवर क्षमता का डब्ल्यूएपी-4 इंजन का निर्माण, मालढुलाई होगी तेज

मेक इन इंडिया की तर्ज पर डब्ल्यूएपी-4 इंजन का निर्माण किया गया है। पूर्व मध्य रेलवे के पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल की यह बड़ी उपलब्धि है। इस इंजन का निर्माण कर मंडल भारतीय रेल में दूसरे स्थान पर काबिज हो गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 07:38 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 07:38 PM (IST)
मेक इन इंडिया की तर्ज पर दस हजार हार्स पाॅवर क्षमता का डब्ल्यूएपी-4 इंजन का निर्माण, मालढुलाई होगी तेज
पीडीडीयू यार्ड में खड़ा दस हजार हार्स पाॅवर इंजन डब्ल्यूएपी-4।

चंदौली, जेएनएन। मेक इन इंडिया की तर्ज पर डब्ल्यूएपी-4 इंजन का निर्माण किया गया है। पूर्व मध्य रेलवे के पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल की यह बड़ी उपलब्धि है। इस इंजन का निर्माण कर मंडल भारतीय रेल में दूसरे स्थान पर काबिज हो गया है। दो पैसेंजर पुराने इंजनों को ऐसी तकनीक से बनाया गया है। इसे एक ही लोको पायलट संचालित कर सकता है। अब इस शक्तिशाली इंजनों से मालगाड़ी का परिचालन किया जाएगा।

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यात्री ट्रेन के दो इंजनों को जोड़कर मंडल ने दस हजार हॉर्स पाॅवर इंजन डब्ल्यूएपी-4 को तैयार किया है। इसके लिए तकनीक का भरपूर ध्यान रखा गया है। मंडल खुद ही अपने इलेक्ट्रिक शेड में शक्तिशाली इंजन को तैयार करेगा। एक ही तार दो इंजनों को चलाएगी।

कोविड-19 में ट्रेनों के परिचालन पर रोक लगा दी गई थी। मंडल में अभी कई ट्रेनें जहां तहां खड़ी हैं। इन ट्रेनों के इंजनों का प्रयोग मालगाडिय़ों में किए जाने की पहल शुरू की गई है। इसके लिए बकायदा इलेक्ट्रिक शेड में दो इंजनों को जोड़कर एक इंजन बनाया गया। माल ढुलाई को बढ़ावा देने के लिए मालगाड़ी में दस हजार हार्स पावर के इंजन को लगाया जाएगा। इंजन को व्यावसायिक रूप से शुरू करने से पहले मालगाड़ी का परीक्षण किया था। लादान के साथ रफ्तार को देखते हुए इसका इस्तेमाल शुरू कर दिया गया है। 10 हजार हॉर्स पाॅवर वाले नए इंजन को लेकर रेलवे अधिकारियों का दावा है कि यह इंजन शक्तिशाली इंजन है व माल लदान ढोने में यह पूर्व में इस्तेमाल होने वाले इंजन से बेहतर कार्य करेगा। इस प्रयोग को करने में सीनियर डीईई टीआरएस प्रशांत कुमार का काफी योगदान रहा। कर्मचारियों के साथ मिलकर उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है।

माल ढुलाई में इंजन कारगर साबित होगा

पीडीडीयू मंडल की यह उपलब्धि है। माल ढुलाई में इंजन कारगर साबित होगा। यह उपलब्धि कर्मचारियों के मेहनत की ही देन है।

-पंकज सक्सेना, डीआरएम, पीडीडीयू मंडल।


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