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किशोरी के अपहरण का साजिशकर्ता पीडीडीयू जंक्शन से गिरफ्तार, परिजनों से एक लाख रुपये की मांग रहे थे फिरौती

14 वर्षीय किशोरी के अपहरण का साजिशकर्ता शुक्रवार को पुलिस ने पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय जंक्शन से गिरफ्तार कर लिया। युवक संघमित्रा एक्सप्रेस से दानापुर जाने की फिराक में था। 27 दिसंबर को नालंदा निवासी सोनू ने अपहरण को अंजाम दिया था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 07:54 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 07:54 PM (IST)
किशोरी के अपहरण का साजिशकर्ता पीडीडीयू जंक्शन से गिरफ्तार, परिजनों से एक लाख रुपये की मांग रहे थे फिरौती
पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय जंक्शन से गिरफ्तार साजिशकर्ता मनीष।

चंदौली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के ओखला थाने की रहने वाली 14 वर्षीय किशोरी के अपहरण का साजिशकर्ता शुक्रवार को स्थानीय जंक्शन से गिरफ्तार हुआ। वह डाउन बैंगलुरू-दानापुर संघमित्रा एक्सप्रेस से दानापुर जाने की फिराक में था। 27 दिसंबर को बिहार, नालंदा निवासी सोनू ने अपहरण को अंजाम दिया था। जीजा व साले ने चेन्नई में साजिश रची थी। आरपीएफ ने कोलकाता से युवक को गिरफ्तार कर लिया और किशोरी को बरामद किया। अपहरणकर्ता किशोरी के परिजनों से एक लाख रुपये फिरौती की मांग कर रहे थे। दोनों अरोपितों को दिल्ली पुलिस अपने साथ ले गई।

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मूलरूप से पटना के धनरुआ थाने की निवासी किशोरी के पिता दिल्ली में काम करते हैं। दिल्ली में ही नालंदा का सोनू भी कपड़े की दुकान में काम करता है। 27 दिसंबर को सोनू किशोरी का अपहरण कर उसे चेन्नई ले गया। सोनू किशोरी को अपने जीजा के यहां ले गया और दोनों ने मिलकर अपहरण की साजिश रची। कुछ दिन बीतने के बाद सोनू के जीजा मनीष ने परिजनों से फोन कर रुपयों की मांग की। इसके बाद परिजन चेन्नई पहुंचे, लेकिन किशोरी वहां नहीं मिली और साजिशकर्ता रुपये देने से मना कर दिया। उधर, सोनू किशोरी को लेकर कोलकाता चला गया था। थक हारकर परिजन अपने मूल निवासी स्थान पर चले गए। दुबारा फोन आने पर परिजनों ने उसे रुपये लेने के लिए पटना आने के लिए कहा। इसके बाद नालंदा निवासी मनीष संघमित्रा एक्सप्रेस से रवाना हुआ। उधर, परिजनों ने भी अपना जाल बिछा दिया था।

सफर करने बाद कंट्रोल से आरपीएफ को मामले की जानकारी हुई। इसके बाद आरपीएफ पोस्ट प्रभारी संजीव कुमार ने जवानों की टीम तैयार की। प्लेटफार्म दो पर ट्रेन के आते हीजवानों ने खोजबीन शुरु की। ट्रेन के कोच संख्या एस-10 के बर्थ संख्या 16 पर यात्रा कर रहे मनीष को पकड़ लिया, लेकिन उसके साथ किशोरी नहीं मिली। कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने कोलकाता में किशोरी के होने की बात बताई। इसके बाद टीम ने कोलकता से साले सोनू को गिरफ्तार कर लिया। किशोरी को

परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।


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