क्रिएटिव डिजाइन बनाकर कोरोना और वैक्सीनेशन के प्रति किया जागरूक, बीएचयू में ऑनलाइन सम्मेलन
बीएचयू के अभिकल्प नवप्रवर्तन केंद्र द्वारा बुधवार को अंतरराष्ट्रीय डिजाइन दिवस पर ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। ‘कोविड वैक्सीन ड्राइव’ विषय पर केंद्रित डिजिटल आर्ट इलस्ट्रेशन सोशल मीडिया कार्ड पोस्टर स्टीकर इमोजी लोगो डिजाइन और टाइपोग्राफी की प्रतियोगिताएं आयोजित कराई गईं।
वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू के अभिकल्प नवप्रवर्तन केंद्र द्वारा बुधवार को अंतरराष्ट्रीय डिजाइन दिवस पर ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। ‘कोविड वैक्सीन ड्राइव’ विषय पर केंद्रित डिजिटल आर्ट, इलस्ट्रेशन, सोशल मीडिया कार्ड, पोस्टर, स्टीकर, इमोजी, लोगो डिजाइन और टाइपोग्राफी की प्रतियोगिताएं आयोजित कराई गईं। कार्यक्रम में दिल्ली की रहने वाली दृष्टि मित्रा ने पोस्टर व स्टीकर डिजाइन के माध्यम से लोगों के अंदर वैक्सीन को लेकर फैले डर और अफवाहों को दूर करने का प्रयास किया, तो वहीं तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के शिक्षक अंकुर देव ने पेंटिंग में सेल्फ लाकडाउन का संदेश दिया।
बतौर मुख्य अतिथि दृश्य कला संकाय के प्रमुख प्रो. हीरालाल प्रजापति ने कहा कि मानवता के इतिहास में डिजाइन का बहुत महत्व है। चाहे मानव का भूख मिटाने वाली रोटी हो या रथ के पहिए या फिर हवाई जहाज का निर्माण ये सभी डिजाइन के अलग-अलग चरणों के प्रतीक हैं। कार्यक्रम के संचालक डॉ. मनीष अरोड़ा ने कहा कि सभी चयनित प्रतिभागियों के निर्मित डिजाइन केंद्र, राज्य सरकारों सहित अन्य एजेंसी, कंपनी, एनजीओ आदि को भेजेंगे, ताकि इन डिजाइन के माध्यम से कोरोना और उसके वैक्सीन के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके। विश्व डिजाइन दिवस का उद्देश्य दुनिया भर की जनसांख्यिकी में डिजाइन के लिए जागरूकता पैदा करना है।
सिंगापुर से जुड़े दृश्य कला संकाय के पूर्व छात्र दिलीप चौबे ने कहा कि हमने कंप्रेसर से एयर ब्रश चलाने के दौर में आर्ट का काम सीखा था आज समय डिजिटल डिजाइन का है। गेम डिजाईन एक बड़ी इंडस्ट्री है, जिसमें प्रोग्रामिंग कोडर, डिजाइनर, थ्रीडी मॉड्यूल आदि मिलकर एक काल्पनिक संसार रचते हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को सलाह देते हुए कहा कि ज्यादातर आर्टिस्ट अक्सर डिजाईन का काम तो बहुत अच्छा करते हैं, मगर उसकी मार्केटिंग सही तरीके से नहीं करते। आज के वक्त में बिना मार्केटिंग प्रतिभा का कोई खास मोल नहीं होता।