देश में सात नए डीपीएसयू के उद्घाटन का कांग्रेसियों ने वाराणसी में किया विरोध
शुक्रवार को विजयदशमी के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मन्त्री राजनाथ सिंह के साथ डीआरडीओ भवन नई दिल्ली से आधिकारिक तौर पर इन सात नए डीपीएसयू का उदघाटन किया। जिसका देश के सभी रक्षा कर्मियों ने ब्लैक बैज बांधकर बहिष्कार करते हुए विरोध किया।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। 220 वर्ष पुरानी देश की सभी 41 आर्डिनेंस फैक्ट्रियों का निगमीकरण कर केंद्र सरकार ने इनको सात कंपनियो मे तब्दील कर दिया। शुक्रवार को विजयदशमी के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मन्त्री राजनाथ सिंह के साथ डीआरडीओ भवन नई दिल्ली से आधिकारिक तौर पर इन सात नए डीपीएसयू का उदघाटन किया। जिसका देश के सभी रक्षा कर्मियों ने ब्लैक बैज बांधकर बहिष्कार करते हुए विरोध किया।
7 आयुध निगमों का प्रधानमंत्री द्वारा आधिकारिक उदघाटन करने के दौरान वाराणसी की कैंट विधानसभा से कॉंग्रेस पार्टी की भावी उम्मीदवार एवं यूथ कॉंग्रेस पूर्वी यूपी की प्रदेश प्रवक्ता रोशनी कुशल जायसवाल ने न्यू़ कालोनी डीएलडब्लू वाराणसी में अपने समर्थकों के साथ काला फीता बाँधकर आर्डिनेंस फैक्ट्रियों को निगम बनाये जाने पर प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराया। इस दौरान रोशनी के साथ सभी ने केंद्र सरकार शर्म करो। देश की सुरक्षा से खिलवाड़ बंद करो । प्रधानमंत्री होश में आओ के नारे लगाए।
इस दौरान रोशनी ने कहा कि आर्डिनेंस फैक्ट्रियों की स्थापना पंडित जवाहर लाल नेहरू ने देश की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए नो प्रॉफिट नो लॉस के तहत की थीं। 1965,1967,1971 से लेकर 1999 की कारगिल की लड़ाई में और कोविड-19 महामारी के दौरान इन्हीं 41 आर्डिनेंस फैक्ट्रियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थीं। कॉंग्रेस की सरकारों द्वारा बनवायी गई आर्डिनेंस फैक्ट्रियों को निगम बनाकर उनका उदघाटन कर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालते हुए प्रधानमंत्री जबरदस्ती अपनी पीठ थपथपा रहें हैं।
रोशनी ने कहा कि प्रधानमंत्री लगता है य़े भूल गए हैं कि झूठ की बुनियाद बहुत कमजोर होती है। रोशनी ने कहा कि केंद्र सरकार की नजर अब डीएलडब्लू कारखाने को भी बेचने में लगी है। रोशनी ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि आरएसएस के एजेंडे के तहत केंद्र सरकार पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों का हक मारकर उन्हें समाज की मुख्य धारा से दूर रखने का कुचक्र रच रही है। इसिलए देश के सारे सरकारी संस्थान, रक्षा प्रतिष्ठान और धरोहरों को बहुत तेजी से बेचने में लगी है। जब देश में कुछ सरकारी बचेगा ही नहीं। तो देश से आरक्षण खुद समाप्त हो जाएगा। य़े बात देश के करोड़ों बेरोजगार पिछड़े, दलित और आदिवासी नौजवानों को समझनी चाहिए। विरोध-प्रदर्शन के दौरान मुख्य रूप से कुशल जायसवाल, निहाल अरोड़ा, मोनू मिश्रा, आलम अंसारी, प्रांजल श्रीवास्तव, सूर्य प्रताप सिंह, अफजाल अंसारी आदि थे।