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केंद्र व प्रदेश सरकारों पर गरजे कांग्रेसजन, तहसीलों पर धरना

वाराणसी : प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राज बब्बर के आह्वान पर सोमवार को तीनों तहसील यानी सदर, राजात

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 May 2018 09:51 AM (IST)Updated: Tue, 15 May 2018 09:51 AM (IST)
केंद्र व प्रदेश सरकारों पर गरजे कांग्रेसजन, तहसीलों पर धरना
केंद्र व प्रदेश सरकारों पर गरजे कांग्रेसजन, तहसीलों पर धरना

वाराणसी : प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राज बब्बर के आह्वान पर सोमवार को तीनों तहसील यानी सदर, राजातालाब, व पिंडरा पर कांग्रेसियों ने धरना दिया। इस दौरान वक्ताओं ने बेलगाम मंहगाई, ध्वस्त कानून व्यवस्था, व्यापक भ्रष्टाचार, हत्या, लूट, महिलाओं के साथ छेड़खानी व बलात्कार, किसानों को सुनियोजित तरीके से समाप्त कर उनकी जमीनों को हड़पने की साजिश, दलितों पर अत्याचार, शिक्षा का भगवाकरण, मंदिरों को जमींदोज करने एवं वतन से भाईचारे को समाप्त करने का सरकारों पर आरोप लगाया।

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सदर तहसील पर धरनारत पूर्व विधायक अजय राय ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की दोनों भगवा सरकारें जनता से जुड़े हर मुद्दे पर विफल हैं। जनता को केवल खोखले दावों से बरगलाया जा रहा है। कांग्रेसजन सरकारों की पोल खोलने के लिए अब सड़क पर उतर पड़े हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष और वाराणसी मंडल के प्रभारी दिग्विजय सिंह ने कहा कि बड़े दावे करके सत्ता हथियाने वाली भाजपा सरकार कानून व्यवस्था, मंहगाई और भ्रष्टाचार रोकने में असफल है। धरने में शहर अध्यक्ष सीताराम केसरी, सतीश चौबे, बैजनाथ सिंह, मणिन्द्र मिश्रा, शालिनी यादव, अशोक कुमार पांडेय, प्रीती चौबे, रामसुधार मिश्रा आदि मौजूद थे। उन्होंने राज्यपाल को संदर्भित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। राजातालाब तहसील पर धरनारत पूर्व सांसद डा. राजेश मिश्र ने कहा कि प्रदेश मे व्याप्त भ्रष्टाचार, मंहगाई, शोषण, घोटालों और ध्वस्त हो चली कानून व्यवस्था ने जनजीवन को न केवल त्रस्त कर रखा है बल्कि समूची शासन प्रणाली पंगु बना दी गई है। जिला अध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा ने कहा कि किसान हितों की अनदेखी की गई है। ऋण माफी न किया जाना, भूमि अधिग्रहण संशोधन अधिनियम 2013 को ताख पर रख जबरन भूमि अधिग्रहण करना, यही भाजपा सरकार की उपलब्धि है। धरने में शिव शकर मौर्या, दिलीप सेठ, देवेंद्र सिंह, राजेश्वर पटेल, हर्षवर्धन सिंह, राकेशचंद्र आदि मौजूद थे। वहीं पिंडरा तहसील पर त्रिभुवन पांडेय व श्रीप्रकाश सिंह के नेतृत्व में धरना दिया गया। इसमें रामसनेही पांडेय, त्रिभुवन सिंह, राजीव कुमार, पनारू राम आदि शामिल हुए।


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