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वाराणसी में कानपुर के शहीदों के लिए कांग्रेस ने की श्रद्धांजलि सभा, चेतगंज पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

तीन जुलाई को वाराणसी में कांग्रेसजनों ने कानपुर में शहीद हुए पुलिस कर्मियों के लिए श्रद्धाजंलि सभा की थी। इसे लेकर बीते मंगलवार को चेतगंज पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 10:54 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 01:08 PM (IST)
वाराणसी में कानपुर के शहीदों के लिए कांग्रेस ने की श्रद्धांजलि सभा, चेतगंज पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

वाराणसी, जेएनएन। तीन जुलाई को लहुराबीर चौराहे पर आजाद पार्क में कांग्रेसजनों ने कानपुर में शहीद हुए पुलिस कर्मियों के लिए श्रद्धाजंलि सभा की थी। इसे लेकर मंगलवार को चेतगंज पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दिया। पुलिस ने कोविड-19 के प्रोटोकॉल की अनदेखी करने के लिए कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे समेत 18 को नामजद करते हुए एक अज्ञात को आरोपित बनाया है। पुलिस की इस कार्रवाई की कांग्रेसजनों ने निंदा की है। राघवेंद्र चौबे ने कहा कि लहुराबीर स्थित आजाद पार्क में कानपुर वाले प्रकरण में मृत हुए पुलिसकर्मियों के लिए शोक सभा आहूत था जिसमें कांग्रेसजनों ने गांधीवादी तरीके से शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मृतक पुलिसवालों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपनी संवेदना व्यक्त किए थे व दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी। वहीं गूंगी -बहरी सरकार के इशारे पर श्रद्धांजलि से संबंधित कार्यक्रम पर मुकदमा दर्ज करना अशोभनीय व अनैतिक है।

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कांग्रेस ने उठाया सवाल, क्या लोकतंत्र में श्रद्धांजलि देना गुनाह है?

पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा कि पुलिसकर्मी जो समाज की रक्षा करते है उन पुलिसकर्मियों की कानपुर में निर्मम तरीके से एक अपराधी द्वारा हत्या की गई उन पुलिस वाले के आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि कार्यक्रम आहुत था। शांतिपूर्ण कार्यक्रम में मुकदमा इस योगी सरकार के तानाशाही रवैये को दर्शाता है। उन्होंने प्रशासन व सरकार से सवाल किया कि क्या लोकतंत्र में श्रद्धांजलि देना गुनाह है?, क्या जनहित के मुद्दों पर आवाज उठाना गुनाह है क्या? क्या गरीब शोषित वंचित आमजनों की आवाज को उठाना गुनाह है क्या? यह सरकार स्पष्ट करे। जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल ने कहा  कि हम कांग्रेसी है आंदोलन व संघर्ष तो हमारी पहचान है और हम इस सरकार व प्रशासन को बता देना चाहते हैैं कि जनहित की लड़ाई लड़ते हुए राजनीति में लगे मुकदमे ईनाम होते है व जेल अस्थाई घर। न डरे न डरेंगे लड़े है और लड़ेंगे।


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