वाराणसी में शवदाह स्थल का हाल : कठिन पगडंडी के बीच अंधेरे में अयोध्यापुर कोरौत घाट का मुक्ति धाम
वाराणसी के आराजीलाइन ब्लाक में अयोध्यापुर कोरौत घाट के पास वरुणा नदी के किनारे बने मुक्ति धाम तक आने जाने वाले रास्ते की हालत खराब है। शव लेकर आने-जाने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
वाराणसी, [श्रवण भारद्वाज]। आराजी लाइन ब्लाक में वरुणा नदी किनारे अयोध्यापुर कोरौत घाट पर बने अंत्येष्टि स्थल के मुख्य द्वार पर बड़े अक्षर से मुक्तिधाम लिखा हुआ है। इस अंत्येष्टि को माडल बनाने के लिए प्रशासन की आरे से रंग-रोगन समेत रंगीन ईंट तक बिछाई गई है। दीवारों पर बड़े अक्षरों में लिखा है कि 'मृत्यु का इंतजार मृत्यु से भी भयावह होता है।' किंतु निर्माण के दो साल होने जा रहे हैं कि अभी यह अंधेरे में ही है। ग्राम पंचायत की ओर से रोशनी का प्रबंध नहीं किया गया है। नतीजा, रात में मुक्ति धाम पूरी तरह अंधेरे में ही रहता है।
शवदाह के लिए आने वालों को खुद ही रोशनी का प्रबंध करना पड़ता है। धाम परिसर में लगा हुआ सबमर्सिबल भी बिजली के अभाव में नहीं चल रहा है। दूर दराज से आने वाले शवयात्रियों को काफी फजीहत उठानी पड़ती है। मुक्ति धाम परिसर के पास लगभग सौ मीटर तक की राह पर सीमेंटेड ईंट लगाया गया है लेकिन 100 मीटर की राह यूं ही छोड़ दिया गया है। पुराना खड़ंजा जगह जगह यह टूट गया है। ईंटें बेतरतीब होने के कारण आने जाने वालों को परेशानी होती है। इस अंत्येष्टि स्थल का निर्माण वर्ष 2019 में हुआ था। इस पर कुल 24 लाख रुपये खर्च हुए। शौचालय के साथ ही स्टोर रूम, बैठने के लिए सीमेंटेड सीट के अलावा शवदाह स्थल पर टिन सेड आदि लगे हुए हैं।
एक पखवारा पहले जल रहे थे बीस शव
सामान्य दिनों में एक दो शव हर मुक्ति धाम तक आते हैं। लेकिन कोविड की दूसरी लहर यानी एक पखवार पहले तक 15 से 20 शव रोज आ रहे थे। मुक्ति धाम के आसपास हरहुआ, गंगापुर, परजनपुर, भरथरा, सजोई, शिवपपुर, मोहनसराय गांवों के लोग शव को लेकर दाहसंस्कार के लिए लेकर आते है। कुछ लोग इस अंत्येष्टि स्थल का उपयोग करते हैं कुछ लोग नदी किनारे चले जाते हैं।
जल्द से जल्द मरम्मत का कार्य शुरू हो जाएगा
पुराना खड़ंजा मार्ग निर्माण को प्रस्तावित है। पंचायत के गठन के बाद इस कार्य को पूरा करा दिया जाएगा। पंचायत को बिजली कनेक्शन लेने के भी कहा जाएगा ताकि लोगों को अंधेरे में परेशानी न हो। इस समय अंत्येष्टि स्थल व इसके आसपास सैनिटाइज भी कराया जा रहा है।
- अंकित कुमार चौबे, ग्राम सचिव