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कोरोना वार्ड में कुप्रबंधन के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में शिकायत, बीएचयू अस्पताल पर लापरवाही का आरोप

कोरोना वार्ड में कुप्रबंधन के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में शिकायत बीएचयू अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 08:52 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 08:52 PM (IST)
कोरोना वार्ड में कुप्रबंधन के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में शिकायत, बीएचयू अस्पताल पर लापरवाही का आरोप
कोरोना वार्ड में कुप्रबंधन के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में शिकायत, बीएचयू अस्पताल पर लापरवाही का आरोप

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना संक्रमित एक एमबीबीएस के छात्र पवन जायसवाल की मां शोभन जायसवाल द्वारा बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल स्थित कोविड-19 वार्ड में कुप्रबंधन एवं लापरवाही के लगाए गए आरोप के बाद हडकंप की स्थिति है। रविवार को शोभम बीएचयू में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर यह शिकायत करना चाहती थी, लेकिन उसे रोक दिया गया। हालांकि तब तक इस मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था। मामले को बिगड़ता देख इस गड़बड़ी पर पर्दा डालने के लिए रविवार रात ही बीएचयू की ओर से सफाई भी जारी कर दी गई। सोमवार को सारनाथ की एक महिला ने इस मामले में कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत कर दी है। वहीं अस्पताल के अधिकारियों को सुबह में ही वार्ड का निरीक्षण करना पड़ा। 

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उक्त महिला ने बीएचयू अस्पताल में कोरोना मरीजों की जान से बार-बार खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। आरोप लगाया है कि वाराणसी में कोरोना के मरीज का इलाज हो रहा है पर बीएचयू में अति गंभीर मरीजों को मरने के लिए उनके हाल पर छोड़ दिया जा रहा है। महिला ने शोभन जायसवाल द्वारा अपने पुत्र पवन जायसवाल के बारे में जो आरोप लगाए गए हैं उसको दोहराते हुए बीएचयू अस्पताल हरिश्चंद्र कालेज के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव की हुई मौत का भी हवाला दिया है। आरोप लगाया कि यहां उन्हेंं न तो दवा दी गई और न ही उनका इलाज ही किया गया। मांग किया है कि इन दोनों घटनाओं की जांच करते हुए बीएचयू अस्पताल व अन्य सभी अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएं। मालूम हो कि गाजीपुरी की शोभन ने आरोप लगाया था कि उसका बेटा पानी के लिए तड़प गया था और वह बार-बार फोनकर कह रहा था कि मां, मुझे बचा लो वरना यहां पर जान चली जाएगी। गला सुख रहा है और पानी भी नहीं मिल रहा है। अब लग रहा है मैं नहीं बच पाउंगा, जल्दी से निकालों। हालांकि इन सभी आरोपों को एसएस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. एसके माथुर ने खारिज कर दिया था। कहा था कि अस्पताल में कुप्रबंधन के आरोप गलत है।


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