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राजस्व व नेशनल हाइवे के अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से दूसरे की जमीन का ले लिया मुआवजा

राजस्व और नेशनल हाइवे अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से रिंग रोड के लिए अधिग्रहण की गई जमीन का एक व्यक्ति ने दूसरे की जमीन पर मुआवजा ले लिया।

By Edited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 01:16 AM (IST)Updated: Sat, 07 Sep 2019 12:55 PM (IST)
राजस्व व नेशनल हाइवे के अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से दूसरे की जमीन का ले लिया मुआवजा
राजस्व व नेशनल हाइवे के अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से दूसरे की जमीन का ले लिया मुआवजा

वाराणसी, जेएनएन। राजस्व और नेशनल हाइवे अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से रिंग रोड के लिए अधिग्रहण की गई जमीन का एक व्यक्ति ने दूसरे की जमीन पर मुआवजा ले लिया। मुआवजा लेने वालों में एक रेलवे से सेवानिवृत्त कर्मचारी और उसके बेटे हैं। मामला उजागर हुआ तो दोनों विभागों में हड़कंप मच गया। विभाग ने पिता और पुत्र को नोटिस जारी कर फर्जी तरीके से ली गई राशि तत्काल वापस करने को कहा लेकिन वे कागजों में घुमाते रहे। तीन दिन पहले मूल काश्तकार शोभनाथ कलेक्ट्रेट में डीएम की कार के सामने लेट गया तो अफसरों के होश उड़ गए। ऐसे में आनन-फानन में फर्जी तरीके से मुआवजा लेने वाले व्यक्ति को बुलाया गया। शुक्रवार को अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) ने उसे पैसा जमा करने को कहा तो वह इधर-उधर की बात करने लगा। नाराज एडीएम ने जब उसके खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराकर जेल भेजने की बात कही तो वह मोहलत मांगने लगा। उसने शपथपत्र के साथ 15 दिन में ली गई राशि जमा करने की बात कही है तो उसे छोड़ा।

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अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि तहसील सदर के परगना जाल्हूपुर, नरपतपुर में ¨रग रोड के लिए जमीन अधिग्रहण की गई थी। जमीन की कुल राशि 3219864 रुपये निर्धारित की गई थी। 15 अप्रैल 2017 को सभी किसानों को निर्धारित राशि का भुगतान कर दिया गया। शोभनाथ की शिकायत पर जांच कराई गई तो आरोप सही मिला। ऐसे में वसूली के लिए सत्यनारायण और उनके पुत्र अरविंद कुमार, अनिल कुमार, विजय कुमार और अजय कुमार को नोटिस जारी किया गया। सत्य नारायन का पुत्र अरविंद कुमार सरकारी नौकरी करता है, ऐसे में अरविंद ने भुगतान की गई राशि का 217887 रुपये वापस करने के साथ 13 अप्रैल 2018 को एडीएम कार्यालय को अवगत कराया। वहीं पिता सत्यनारायन और उसके तीन भाइयों ने नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया और न ही कोई राशि लौटाई। सत्यनारायन और उसके तीनों पुत्रों को शपथपत्र लेने के साथ 15 दिन की मोहलत दी गई है। 15 दिन में ली गई राशि नहीं लौटाने पर उनके खिलाफ स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।


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