वाराणसी में युवा नेताओं को खूब पसंद आ रहे खादी के रंगीन वस्त्र, खादी ग्रामोद्योग ने बढ़ाया उत्पादन
युवा नेताओं की पहली पसंद खादी के कलर फुल खादी के कपड़े हैं। इससे पूर्व के चुनाव में खादी के सफेद कपड़े ट्रेंड में रहे हैं। राजनीति में नई पीढ़ी के कूदने से अब पोशाक में भी परिवर्तन देखने को मिल रहा है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। विधानसभा चुनाव आते ही खादी के कपड़ों की मांग बढ़ गई है। नेता और उनके समर्थक खादी के कपड़ों को खूब तवज्जो दे रहे हैं। ऐसे में कपड़ों की बढ़ती मांग को देखते हुए खादी ने इस बार बाजार में कई नए कलेक्शन उतारे हैं। मांग के अनुसार ग्राहकों को आपूर्ति देने के लिए खादी ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग के क्षेत्रिय कार्यालय के अनुसार इस बार मांग को देखते हुए 50-60 फीसद कपड़ों का ज्यादा उत्पादन किया गया है।
कलर फुल कपड़े युवा नेताओं की पहली पसंद : युवा नेताओं की पहली पसंद खादी के कलर फुल खादी के कपड़े हैं। इससे पूर्व के चुनाव में खादी के सफेद कपड़े ट्रेंड में रहे हैं। राजनीति में नई पीढ़ी के कूदने से अब पोशाक में भी परिवर्तन देखने को मिल रहा है।
रेशम के आगे काटन के सदरी की मांग घटी : इस बार केवल कपड़ों का ही ट्रेंड नहीं बदला है। बल्कि खादी के सदरी में भी ट्रेंड बदलता दिख रहा है। इस बार ग्राहकों में रेशम के सदरी की मांग ज्यादा है। वहीं काटन की सदरी मांग घटी है। कारण कि आकर्षक रंगों के साथ बाजार में नए कलेवर के साथ प्रस्तुत खादी की इस सदरी से खरीदारों की नजर ही नहीं हट रही है। सबसे खास बात यह है कि यह काटन की सदरी के मुकाबले बहुत मुलायम है।
रेट एक नजर में
अधि सफेद 380-520
अधि रंगीन 440-600
सदरी काटन 1000-1200 (प्रति पीस)
सदरी रेशम 1600-2000 (प्रति पीस)
मसलीन सफेद 220-350
मसलीन रंगीन 280-400
नोट: अन्य सभी उत्पाद के रेट प्रति मीटर में हैं।
चुनाव के कारण खादी के कपड़ों की मांग बढ़ी है : विधानसभा चुनाव के कारण खादी के कपड़ों की मांग बढ़ी है। मांग को देखते हुए खादी ने भी अपनी तैयारी कर ली है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार समितियों ने 60 फीसद तक उत्पादन बढ़ाया है। - डीएस भाटी, निदेशक खादी और ग्रामोद्योग।