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वाराणसी में ठंडी हवा ने कंपाया, गलन ने ओढ़ ली कोहरे की चादर, जानिए कब होगी बारिश

मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि आने वाले दिनों में तापमान में अब कमी आने लगेगी। इसकी वजह से मौसम का रुख बेहतर हो जाएगा। जबकि फरवरी मध्‍य के बाद माह भर में बसंती हवाएं वातावरण में काबिज हो जाएंगी और मौसम दोबारा सामान्‍य हो जाएगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 09:50 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 11:40 AM (IST)
वाराणसी में ठंडी हवा ने कंपाया, गलन ने ओढ़ ली कोहरे की चादर, जानिए कब होगी बारिश
मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि आने वाले दिनों में तापमान में अब कमी आने लगेगी।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। पूर्वांचल में मौसम का रुख बदला हुआ है, गलन अपार है और कोहरे का असर भी है। मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि आने वाले 72 घंटों में मौसम का रुख बदलेगा और गलन का रुख खत्‍म होगा। वहीं दूसरी ओर बादलों की सक्रियता के बाद तापमान में कमी आएगी और वातावरण का रुख पूरी तरह से बदलाव की ओर हो जाएगा। मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि आने वाले दिनों में तापमान में अब कमी आने लगेगी। इसकी वजह से मौसम का रुख बेहतर हो जाएगा। जबकि फरवरी मध्‍य के बाद माह भर में बसंती हवा वातावरण में काबिज हो जाएंगी और मौसम दोबारा सामान्‍य हो जाएगा। 

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बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 15.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से सात डिग्री कम रहा। न्‍यूनतम तापमान 5.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो तीन डिग्री कम रहा। आर्द्रता अधिकतम तापमान 97 फीसद और न्‍यूनतम 70 फीसद दर्ज किया गया। मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्‍वीरों में पूर्वांचल में कोहरा और बदली की स्थिति बनी हुई है। जबकि इसकी वजह से गलन का असर बना हुआ है। पश्चिमी विक्षोभ का असर जल्‍द ही खत्‍म होने के बाद दोबारा पश्चिमी विक्षोभ का असर सप्‍ताह भर में होने की उम्‍मीद है। जबकि बादलों की सक्रियता का दौर अगले 72 घंटों में होने की उम्‍मीद मौसम विभाग जता रहा है।

मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि आने वाले कुछ घंटों में मौसम का रुख चुनौतीपूर्ण बादलों की वजह से हो सकता है। मौसम का रुख लगातार बदलाव की ओर होने के साथ ही गलन का असर भी इसी के साथ खत्‍म हो जाएगा। आसमान साफ होने के बाद ओस का दौर तो रहेगा लेकिन ठंडक का असर कम होता चला जाएगा। मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि पश्चिमी विक्षोभ का लगातार झोंका पहाड़ों पर बर्फबारी करा रहा है, जिसका असर मैदानी क्षेत्रों में बना हुआ है। पश्चिमी विक्षोभ का असर कम हुआ तो मैदानी इलाकों में राहत भी होने लगेगी।   


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