वाराणसी में फिर आ रहा कोल्ड फ्रंट, बढ़ेगी ठंडी, धूप ही थी सहारा, अब बादलों का डेरा
इस बार न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से भी नीचे जाने की भी आशंका जताई जा रही है। खैर न्यूनतम तापमान में बढ़ावा के कारण लोगों को ठंड से मामूली राहत मिली है। वैसे बुधवार की सुबह असमान में बादलों का डेरा भी शुरू हो गया।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। वाराणसी में फिर से एक कोल्ड फ्रंट आ रहा है। कारण कि एक और पश्चिमी विक्षोभ मंगलवार को जम्मू-कश्मीर पहुंच गया। इसका असर दो दिन में काशी आया जाएगा। इसके साथ ही कड़ाके की ठंड फिर से शुरू हो जाएगी। वहीं इस बार न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से भी नीचे जाने की भी आशंका जताई जा रही है। खैर, न्यूनतम तापमान में बढ़ावा के कारण लोगों को ठंड से मामूली राहत मिली है। वैसे बुधवार की सुबह असमान में बादलों का डेरा भी शुरू हो गया।
पश्चिमी विक्षोभ के कारण कश्मीर से लगातार ठंडी हवाएं आ रही है। इसके कारण काशी समेत पूरे पूर्वांचल में शीतलहर की स्थिति बनी हुई है। सोमवार को जहां अधिकत तापमान 21.6 डिग्री था वहीं मामूली घटाव के साथ 21.2 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। वहीं न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री की जगह बढ़कर 6.0 डिग्री सेल्सियस हो गया था। प्रसिद्ध मैसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि एक विक्षोभ कश्मीर पहुंच गया है, जिसका असर 23 तक काशी में आ जाएगा। इसके साथ ही दूसरा विक्षोझ फिर से 24 व 26 दिसंबर को पहुंच जाएगा। यानी ठंड का कहर लगातार जारी रहगा। ऐसे में लोगों को बहुत अधिक सावधान रहने की जरूरत है। खासकर बच्चे व बुजुर्गों को।
इस सीजन में सबसे कम तापमान 19 दिसंबर को हो गया था। इसके कारण ठंड बहुत बढ़ गई थी। उस दिन अधिकतम तापमान 19.8 व न्यूनतम तापमान 5.0 डिग्री सेल्सियस हो गया था। वहीं सोमवार को अधिकतम तापमान 21.6 व न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस पर आ गया था। इसके बाद मंगलवार को अधिकत पारा मामूली घटाव के साथ 21.2 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 6.0 डिग्री सेल्सियस हो गया था। बताया जा रहा है जमीन के एक किमी ऊपर 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है। यही कारण है कि तापमान बढ़ाने के बाद भी ठंड से राहत नहीं है। कश्मीर से आ रही है सर्द हवा और काशी में कंपकंपी बढ़ा दी। प्रो. पांडेय ने बताया कि बहुत अधिक ठंड की स्थिति जम्मू-कश्मीर से आए पश्चिमी विक्षोभ के कारण पूर्वी उत्तर प्रदेश से पास हो रहे कोल्ड फ्रंट के कारण हो रही है।
एक-दो दिन के बाद हवा की गति थोड़ी थमेगी। इसके बाद ठंड से मामूली राहत मिलेगा। हालांकि बुधवार को कश्मीर से एक और पश्चिमी विक्षोभ चल देगा, जिसका असर दो दिन बाद होगा। यानी अब ठंडी से अभी बहुत ज्यादा राहत नहीं मिलने वाली है। उन्होंने बताया कि तापमान जब सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस से कम होता है तो उस स्थिति को शीतलहर कहा जाता है, जो स्थित अभी भी बनी हुई है। प्रो. पांडेय ने बताया कि यह स्थित अभी कुछ दिनों तक बनी रहेगी।
तिथि | अधिकतम पारा | न्यूनतम पारा |
21 दिसंबर | 21.2 | 6.0 |
20 दिसंबर | 21.6 | 5.2 |
19 दिसंबर | 19.8 | 5.0 |
18 दिसंबर | 21.6 | 9.8 |
17 दिसंबर | 25.2 | 10.2 |
16 दिसंबर | 26.0 | 9.9 |
15 दिसंबर | 24.2 | 7.5 |