सहकारी बैंक लौटाएंगे ग्राहकों का बकाया, खाताधारियों के डिमांड के बाद समिति की संस्तुति पर भुगतान
जिला सहकारी बैंकों में संसाधन की कमी के बावजूद यह बैंक एक फिर उठ खड़ा होने की जुगत में जुट गया है। बलिया समेत प्रदेश के 16 कमजोर जिला सहकारी बैंकों के पुनरोद्धार के लिये गठित राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति ने एकमुश्न भुगतान की सीमा का निर्धारण किया गया है।
बलिया, जेएनएन। जिला सहकारी बैंकों में संसाधन की कमी के बावजूद यह बैंक एक फिर उठ खड़ा होने की जुगत में जुट गया है। बलिया समेत प्रदेश के 16 कमजोर जिला सहकारी बैंकों के पुनरोद्धार के लिये गठित राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति ने एकमुश्न भुगतान की सीमा का निर्धारण किया गया है। अब समिति ने राज्य का 50 प्रतिशत या एक लाख रुपये तक (दोनों में से जो कम हो) की नई सीमा तय कर दी है। इसके अनुपालन में खाताधारियों के भुगतान के लिए समितियां गठित कर दी गई हैं।
जिला सहकारी बैंक लिमिटेड बलिया के सचिव व मुख्य कार्यपालक अधिकारी मिलिंद ने बताया कि जनपद में एक लाख 28 हजार खाताधारी हैं, उनका लगभग 143 करोड़ बैंक में जमा है। भुगतान के लिए जो लोग आवेदन करते हैं, समिति की संस्तुति पर सामान्य कारण में पांच प्रतिशत धन का भुगतान किया जा रहा है। शादी या किसी रोग के उपचार के लिए आवेदन आने पर समिति की संस्तुति पर 50 फीसद का भुगतान भी कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि जिला सहकारी बैंक की जनपद में 20 शाखाएं हैं, जिसके 114 स्टाफ स्वीकृत हैं कि लेकिन उसके सापेक्ष मात्र 37 स्टाफ तैनात हैं जिनसे काम लिया जा रहा है।
बैंक का बकाया है 24 करोड़
जनपद में 165 साधन सहकारी समितियां हैं। बैंक से ऋण देने का प्रविधान यह है कि बैंक इन्हीं समितियों के माध्यम से सदस्यों को ऋण मुहैया कराती है। दो दशक में 24 करोड़ रुपये साधन सहकारी समिति के सदस्यों ने ऋण लिए लेकिन वह धन बैंक को वापस नहीं मिल सका।
तीन समितियों से फिर शुरू होगी ऋण देने की प्रक्रिया
तमाम तरह की दुश्वारियां झेलने के बाद भी जिला सहकारी बैंक लिमिटेड बलिया की ओर से जनपद के तीन साधन सहकारी समितियों से एक बार फिर ऋण देने की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इसमें सरही, चौरा कथरिया और पाल चंद्रहा साधन सहकारी समिति शामिल है। लेनदेन की प्रक्रिया ठीक रही तो अन्य साधन सहकारी समितियों पर भी नए सदस्यों को ऋण स्वीकृत किए जा सकते हैं।
बोले अधिकारी
जिला सहकारी बैंक को बेहतर करने के दिशा में कई बदलाव किए जा रहे। भुगतान में दिक्कत इसलिए हो रही है कि खाताधारियों के डिमांड पर यहां से जब उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक को डिमांड भेजा जाता है तो उस अनुपात में रकम नहीं मिल पाती है। यदि डिमांड के अनुसार रकम मिले तो ग्राहकों को भी मांग के अनुसार राहत दी सकती है। - मिलिंद, सचिव व मुख्य कार्यपालक अधिकारी जिला सहकारी बैंक लिमिटेड