मलइयों की मिठास संग सीएम योगी ने दिये विकास के मंत्र
वह पूड़ी, सब्जी और मलइयों का स्वाद तो जरूर ले रहे थे लेकिन उनके मन में चिंता काशी में चल रहे विकास कार्यों को लेकर चल रही थी।
वाराणसी (जागरण संवाददाता)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस बार का काशी दौरा बेहद अहम साबित हुआ। मुख्यमंत्री ने रात में शहर भ्रमण कर न सिर्फ इतिहास रचा बल्कि संगठन से दूरी बनाकर विकास को अहमियत देने का पैगाम भी दिया। 23 घंटे प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री का जोर सिर्फ विकास की गाड़ी सरपट दौड़ाने पर रहा।
इसकी बानगी शुक्रवार की सुबह सर्किट हाउस में दिखी जब मुख्यमंत्री नाश्ता कर रहे थे। वह पूड़ी, सब्जी और मलइयों का स्वाद तो जरूर ले रहे थे लेकिन उनके मन में चिंता काशी में चल रहे विकास कार्यों को लेकर चल रही थी। कारण भी स्पष्ट है कि 2019 लोकसभा चुनाव में महज एक साल शेष है। फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, आइपीडीएस, ऊर्जा गंगा, स्मार्ट सिटी, एसटीपी सहित तमाम परियोजनाओं को धरातल पर उतारकर फिर से प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने की चाह रखने वाली भाजपा विकास कार्यों में सुस्ती पर विपक्ष को एक भी मौका नहीं देना चाहती।
इसी का परिणाम है कि जब मुख्यमंत्री सुबह करीब 8.30 बजे सर्किट हाउस के हाल में नाश्ता करने बैठे तो राज्यमंत्री डा. नीलकंठ तिवारी, अनिल राजभर के अलावा विधायक सौरभ श्रीवास्तव, रवींद्र जायसवाल, सुरेंद्र नारायण सिंह, डा. अवधेश सिंह और जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, महानगर अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि, जिला महामंत्री प्रभात सिंह आदि से उन्होंने विकास कार्यो की जमीनी हकीकत पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री के साथ बैठे प्रमुख सचिव पर्यटन अवनीश अवस्थी, कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण और डीएम योगेश्वर राम मिश्र बेहद ध्यान से उनकी बातें सुनते रहे। बाद में बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अफसरों को यह जता दिया कि विकास कार्यो में सुस्ती अक्षम्य होगी
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चखा जलेबी और पोहा भी: सुबह चार बजे जगने के बाद मुख्यमंत्री ने स्नान-ध्यान किया। इसके बाद योग करने के बाद अखबार पढ़ा और फिर नाश्ता के लिए हाल में आ गए। उन्होंने पूड़ी, कचौड़ी, सब्जी, जलेबी व पोहा खाया। इसके बाद मलइयों को बड़े ही चाव आनंद से खाया। अंत में केला और सेब भी ग्रहण किया।
हिंदू युवा वाहिनी नेताओं से नहीं मिले: सीएम सुबह में किसी भी भाजपा नेता या हिंदू युवा वाहिनी कार्यकर्ताओं से नहीं मिले। कारण कि मीटिंग में जल्दी शामिल होने के चलते केवल उन्होंने विधायकों से ही फीडबैक लिया।
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