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BHU Covid Hospital में आत्महत्या के दो मामलों को लेकर सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने दिखाई नाराजगी

बीएचयू कोविड हॉस्पिटल में पिछले दिनों बीएचयू लेवल-थ्री अस्पताल में आत्महत्या के दो प्रकरण से सीएम योगी आदित्‍यनाथ खासे नाराज दिखे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2020 01:03 AM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2020 10:40 AM (IST)
BHU Covid Hospital में आत्महत्या के दो मामलों को लेकर सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने दिखाई नाराजगी
BHU Covid Hospital में आत्महत्या के दो मामलों को लेकर सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने दिखाई नाराजगी

वाराणसी, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश-दुनिया में बीएचयू की ख्याति है। यहां विशेषज्ञता है, क्षमता है और सबसे बढ़कर मानव संसाधन। इस संकट काल में बीएचयू को अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करते हुए अपने गौरव एवं प्रतिष्ठा के अनुरूप परिणाम देना चाहिए। यहां सीनियर डाक्टर राउंड करते रहें और कोरोना मरीजों की नियमित काउंसलिंग करें। राज्य सरकार हर संभव मदद करेगी, मगर अच्छे परिणाम दिखाई देने चाहिए। शनिवार शाम बनारस आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सीधे बीएचयू केंद्रीय समिति कक्ष सभागार पहुंचे। वाराणसी मंडल के जनपदों में कोविड महामारी के संक्रमण एवं इससे बचाव संग उपलब्ध चिकित्सीय सुविधाओं की समीक्षा की।

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भविष्य में न हो इस तरह की घटनाएं पिछले दिनों बीएचयू लेवल-थ्री अस्पताल में आत्महत्या के दो प्रकरण से सीएम खासे नाराज दिखे। कहा यह बहुत ही चिंताजनक स्थिति है, इससे समाज में गलत संदेश जाता है। अस्पताल प्रबंधन को नसीहत देते हुए कहा कि मनोविकार वाले मरीजों को चिह्नत कर उनके लिए अलग से व्यवस्था करने की जरूरत थी। ऐसा कर हम दोनों को बचा सकते थे। भविष्य में इस तरह की घटना न हो, इसके लिए सीनियर डाक्टर व स्टाफ नियमित तौर पर वार्ड का राउंड लगाते रहें और समय-समय पर कोरोना मरीजों से बातचीत करते रहें। इससे उनका आधा दुख स्वयं ही दूर हो जाएगा और परिवारीजनों को शिकायत भी नहीं रहेगी।कोविड व नाॅन-कोविड के लिए अलग-अलग डायलिसिस मशीनें चिकित्साधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जहां-जहां भी डायलिसिस की व्यवस्था है, वहां कोविड व नाॅन-कोविड के लिए अलग-अलग डायलिसिस मशीनें रखें। सैंपल लेने के बाद उसका परिणाम 24 घंटे के भीतर आना चाहिए, ताकि पॉजिटिव मरीज का तत्काल इलाज शुरू हो सके। बीएचयू में ओपीडी की क्षमता बढ़ाई जाए। होम आइसोलेशन के बाद एल-1 अस्पताल व्यवस्था की जरूरत कम हो गई है। अब एल-2 व एल-3 लेवल की व्यवस्थाएं बढ़ाई जाए।

निजी अस्पतालों द्वारा निर्धारित दर से अधिक वसूली पर समय-समय पर निरीक्षण किया जाए

वाराणसी के कोविड अस्पतालों में बेड की कमी हरगिज नहीं होनी चाहिए। निजी अस्पतालों द्वारा निर्धारित दर से अधिक वसूली पर कहा कि समय-समय पर इनका निरीक्षण किया जाए। निर्धारित दर से अधिक पैसों की वसूली कतई नहीं होनी चाहिए। किसी अन्य रोग के मरीजों के अस्पताल में आने पर उसका एंटीजन टेस्ट कर कोविड-19 की स्थिति देखी जाए। यह व्यवस्था प्राइवेट अस्पताल में भी लागू करें। सैंपलिंग पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी में प्रतिदिन 4000 से 4500 हजार तक टेस्टिंग किया जाए। सर्विलांस एवं कांटेक्ट ट्रेसिंग को भी बढ़ाया जाए। बीएचयू में आइसीयू के तैयार करें 150 बेड - सीएम ने बीएचयू लेवल-थ्री अस्पताल में आइसीयू के 150 बेड तैयार करने का निर्देश दिया। वर्तमान में यहां आइसीयू के करीब 100 बेड हैं। वहीं कुल बेड की संख्या 315 है। बेड की संख्या बढ़ाने की बजाय अब बीएचयू प्रशासन उपलब्ध बेड पर मॉनीटर, वेंटीलेटर, एचएमसी, आॅक्सीजन आदि बढ़ाया जा रहा है। शहरी क्षेत्र में हैं अधिक मरीज, कराएं सर्वे - जिले के शहरी क्षेत्र में कोरोना के मरीज अधिक हैं। सीएम ने वार्ड वार सर्वे टीम लगाकर शत-प्रतिशत सर्वे कराने का निर्देश दिया। वहीं होम आइसोलेशन के मरीजों से रोजाना मेडिकल टीम संपर्क रखे और उनके स्वास्थ्य के मुताबिक उपचार का प्रबंध करें। किसी मरीज में लक्षण दिखने लगे तो तत्काल अस्पताल में भर्ती कराएं।लखनऊ से अधिक है पॉजिटिव रेट व मृत्यु दर - सीएम ने कहा कि वाराणसी में पूरे प्रदेश के मुकाबले पॉजिटिव रेट व मृत्यु दर अधिक है। इसे सर्विलांस टेस्टिंग व तत्काल चिकित्सा व्यवस्था देकर घटाएं। कमांड कंट्रोल सेंटर को प्रभावी रखा जाए। वहां से मरीजों व अस्पतालों से बराबर संपर्क एवं समन्वय रखा जाए।

अब तक 3.53 करोड़ वसूला गया है जुर्माना

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से जनपद के कोविड अस्पतालों में कोरोना से बचाव की व्यवस्था, सैंपलिग, सर्वे, दवा वितरण आदि बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी दी। बताया लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन में अब तक तीन करोड़ 53 लाख रुपये का जुर्माना वसूला जा चुका है। मास्क न पहनाने पर 143127 लोगों का चालना करने के साथ ही 201156 वाहनों का चालान काटा गया। जनपद में अब तक 106840 सैंपल की जांच हो चुकी है। इनमें से 7746 पॉजिटिव मरीज पाए गए। वहीं अब तक 5851 मरीज ठीक भी हो चुके हैं। जनपद का रिकवरी रेट 75.5 प्रतिशत है एवं मृत्यु दर 1.79 प्रतिशत, जबकि पॉजिटिव रेट 7.25 प्रतिशत है।बैठक में स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल, कुलपति प्रो. राकेश भटनागर, एडीजी, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, आइजी विजय सिंह मीणा, जिलाधिकारी वाराणसी कौशल राज शर्मा, एसएसपी वाराणसी अमित पाठक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीबी सिंह, बीएचयू अस्पताल के एमएस प्रो. एसके माथुर आदि थे।


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