Move to Jagran APP

उत्‍तर प्रदेश में बादलों ने जमाया कब्‍जा, वाराणसी में तापमान के उतार चढ़ाव के बीच गलन बरकरार

Varanasi City Weather चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से दो डिग्री कम रहा। न्‍यूनतम तापमान 7.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से एक डिग्री कम दर्ज किया गया। आर्द्रता अधिकतम 93 फीसद और न्‍यूनतम 75 फीसद दर्ज किया गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 09:52 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 09:52 AM (IST)
उत्‍तर प्रदेश में बादलों ने जमाया कब्‍जा, वाराणसी में तापमान के उतार चढ़ाव के बीच गलन बरकरार
तापमान में कमी का दौर जल्‍द शुरू हो जाएगा और मौसम पूर्वांचल में राहत की ओर हो जाएगा।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। पूर्वांचल में मौसम का रुख बदला हुआ है, आने वाले सप्‍ताह के बाद तापमान में कमी का दौर शुरू हो जाएगा और मौसम पूर्वांचल में राहत की ओर हो जाएगा। मध्‍य फरवरी के बाद से तापमान में इजाफा का दौर शुरू होगा और अप्रैल की शुरुआत के साथ गर्मी दस्‍तक दे देगी। मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि आने वाले दिनों में पश्चिमी विक्षोभ का असर पहुंचा तो पूर्वांचल में गलन और बूंदाबांदी का असर हो सकता है। जबकि तापमान में कमी का दौर अब खत्‍म होने की ओर है। इसी के साथ ही माह के अंत के बाद तापमान में पर्याप्‍त इजाफा शुरू हो जाएगा। 

loksabha election banner

बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से दो डिग्री कम रहा। न्‍यूनतम तापमान 7.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से एक डिग्री कम दर्ज किया गया। आर्द्रता अधिकतम 93 फीसद और न्‍यूनतम 75 फीसद दर्ज किया गया। मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्‍वीरों के अनुसार पूर्वांचल सहित कई इलाकों में बादलों का डेरा बना हुआ है। कई इलाकों में इसकी वजह से कोहरा और गलन का भी दौर सुबह से नजर आया। मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि बादल मामूली बूंदाबांदी करा सकते हैं।

मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि मौसम में यह बदलाव अनुरूप ही है। पछुआ हवाओं के असर से गलन का असर पर्याप्‍त बना हुआ है। मैदानी इलाकों में पहाड़ों से चलने वाली हवाएं जल्‍द ही बसंती हवा के रूप में पखवारे भर में असर करने लगेंगी। हालांकि, पहाड़ों पर बर्फबारी का असर पखवारे भर के बाद कम होने लगेगा और मध्‍य मार्च तक ठंड का पूरा असर खत्‍म हो जाएगा। वहीं अप्रैल से शुरू गर्मियां मध्‍य जून तक चुनौती देंगी। इसके बाद मानसूनी सक्रियता की वजह से मैदानी इलाकों में राहत की बारिश का दौर शुरू हो जाएगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.