वाराणसी में बादल और कोहरे का मेल, ठंडी हवाओं ने गलन में किया और भी इजाफा
पूर्वांचल में गलन के दौर के बीच आर्द्रता का बढ़ा हुआ स्तर मौसमी बदलाव का संकेत दे रहा है। सप्ताह भर में मौसम विज्ञानी बूंदाबांदी का संकेत दे रहे हैं। बूंदाबांंदी होने के बाद वातावरण में गलन भी इसके ठीक पीछे पश्चिमी विक्षोभ ले आएगा।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। पूर्वांचल में मौसम का रुख लगातार बदलाव की ओर है। मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि आने वाले पूरे पखवारे भर मौसम का यही हाल रहेगा। गलन और कोहरे की बदौलत तापमान में भी कमी आएगी और बादलों की सक्रियता होने पर बदली और बूंदाबांदी भी हो सकती है। अपेक्षाकृत अधिकतम तापमान में एक डिग्री का इजाफा और न्यूनतम पारे में एक डिग्री की कमी दर्ज की गई है। जबकि आर्द्रता का उच्च स्तर बारिश के अनुकूल बना हुआ है। मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि आने वाले दिनों में मौसम का रुख और बदला तो वातावरण काफी चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।
बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 18.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से तीन डिग्री कम रहा। न्यूनतम तापमान 8.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से एक डिग्री कम रहा। आर्द्रता अधिकतम 97 फीसद और न्यूनतम 89 फीसद दर्ज की गई। मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार पूर्वांचल में बादल और कोहरा दोनों का असर बना हुआ है। जबकि पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर मैदानी क्षेत्रों में हो रहा है। मैदानी इलाके इस समय गलन और कोहरे की जद में हैं तो दूसरी ओर पश्चिमी विक्षोभ का एक और असर आने ही वाला है।
पूर्वांचल में गलन के दौर के बीच आर्द्रता का बढ़ा हुआ स्तर मौसमी बदलाव का संकेत दे रहा है। सप्ताह भर में मौसम विज्ञानी बूंदाबांदी का संकेत दे रहे हैं। बूंदाबांंदी होने के बाद वातावरण में गलन भी इसके ठीक पीछे पश्चिमी विक्षोभ ले आएगा। इसके बाद वातावरण काफी चुनौतीपूर्ण हो जाएगा। माना जा रहा है कि मौसम का रुख माह भर तक ठंड और गलन का बना रहेगा। जबकि आने वाले दिनों में बादलों की सक्रियता का दौर बना रहा तो कुछ इलाकों में पाला और ओलावृष्टि भी हो सकती है। वहीं माह भर बाद बसंती हवाएं और धूप लोगों को खूब राहत देगी।