कोरोना संक्रमण में जिन बच्चों के माता-पिता दोनों का निधन हो गया उनकी पूरी होगी फीस माफ
कोरोना संक्रमण में जिन बच्चों के माता-पिता दोनों का निधन हो गया है। शुल्क के अभाव में ऐसे बच्चों की पढ़ाई नहीं रूकेगी। सीबीएसई से संचालित कान्वेंट स्कूलों ने ऐसे बच्चों की पूरी माफ करने का एलान किया है।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना संक्रमण में जिन बच्चों के माता-पिता दोनों का निधन हो गया है। शुल्क के अभाव में ऐसे बच्चों की पढ़ाई नहीं रूकेगी। सीबीएसई से संचालित कान्वेंट स्कूलों ने ऐसे बच्चों की पूरी माफ करने का एलान किया है। यही नहीं ऐसे बच्चों को किताब-कापी व ड्रेस भी मुफ्त उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया है।
डिप्टी सीएम व शिक्षामंत्री डा. दिनेश शर्मा के साथ रविवार को वर्चुअल मीटिंग में यह घोषणा पूर्वांचल स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन ने की। इस दौरान एसोसिएशन के सभी सदस्याें ने एक मत से समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इस मौके पर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. दीपक मधोक ने कोरोना संक्रमण से जिन बच्चाें के माता-पिता दोनों चले गए। उनके प्रति गहरी शोक संवेदना व्यक्त की। मानवता का परिचय देते हुए उन्होंने समस्त विद्यालयों की तरफ से ऐसे सभी बच्चों की पढ़ाई आर्थिक अभाव में बाधित न होने का भरोसा दिलाया। कहा कि पूर्वांचल स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन ने हाल में ही 100 सिलेंडरों वाला ऑक्सीजन बैंक शहर को समर्पित किया है। इस प्रकार एसोसिएशन समाज हित में लगातार कार्य भी कर रहा है। बैठक में बनारस, चंदौली, इलाहाबाद, मिर्जापुर, भदोही, लखनऊ सहित अन्य जनपदों के सीबीएसई, सीआइएससीई बोर्डें के छोटे-बड़े विद्यालयों चेयरमैन व प्रधानाचार्य शामिल थे। मुख्य रूप से उपाध्यक्षद्वय पंकज राजघड़िया व राहुल सिंह, सचिव हरिओम सिंह, संयुक्त सचिव मुकुल पांडेय, कोषाध्यक्ष जगदीप मधोक उपस्थित थे।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने कुलाधिपति को लिखा पत्र
स्नातक (यूजी) व स्नातकोत्तर (पीजी) के छात्रों को बगैर परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट करने के मुद्दे पर शिक्षक समुदाय सहमत नहीं है। शिक्षक संगठन महामारी कम होने पर परीक्षा करने का सिफारिश कर रहे हैं। फिलहाल छात्रसंगठन खामोश है।बगैर परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट करने की सिफारिश राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (उच्च शिक्षा संवर्ग) अव्यवहारिक बता चुका है। इस क्रम में रविवार को राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का दूसरे संगठन ने भी यूजी-पीजी प्रथम, द्वितीय वर्ष व सेमेस्टर की परीक्षाएं अनिवार्य रूप से कराने के लिए कुलाधिपति को पत्र लिखा है। ऑनलाइन बैठक कर कुलाधिपति को भेजे पत्र में सभी विषयों के दो-दो प्रश्नपत्रों के स्थान पर एक प्रश्नपत्र की ही परीक्षा कराने का अनुरोध किया गया है।