बालिकाओं ने भ्रूण हत्या और बाल विवाह के खिलाफ रैली निकालकर कहा - 'भीख नही अधिकार चाहिये'
लड़कियों ने कन्या भ्रूण हत्या यौन उत्पीड़न दहेज़ बाल- विवाह जैसे सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ रैली निकाली।
वाराणसी, जेएनएन। लोक समिति वाराणसी व आशा ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में बीरभानपुर गांव में मंगलवार को लड़कियों ने कन्या भ्रूण हत्या, यौन उत्पीड़न, दहेज़, बाल- विवाह जैसे सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ रैली निकाली। रैली में शामिल लड़कियां 'भ्रूण हत्या पर रोक लगाओ, बाल विवाह बंद करो, तिलक दहेज़ छोडो जात पात तोड़ो, भीख नहीं अधिकर चाहिए, जीने का सम्मान चाहिए, औरत भी जिन्दा इंसान नही भोग की वह सामान, यौन हिंसा पर रोक लगाओ' आदि नारे लगा रही थीं। लड़कियों ने बाल विवाह और दहेज पर रोक लगाने की मांग की। रैली में बीरभानपुर नागेपुर हरसोस मेहदीगंज हरपुर कचनार आदि गांवों की किशोरी लड़कियां और महिलाएं शामिल हुई।
रैली गांव की विभिन्न बस्तियों से होते हुए पंचायत भवन पर पहुंची जहां पर बालिका महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में लड़कियों ने भ्रूण हत्या, दहेज, गैरबराबरी, लड़कियों के यौन उत्पीड़न आदि पर नाटक, भाषण व विविध कार्यक्रम किया प्रस्तुत किया। इस अवसर पर महिला चेतना समिति की निदेशिका रंजू सिंह ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी समाज में लड़कियों और महिलाओं के साथ भेदभाव किया जा है, जबकि संवैधानिक ब्यवस्था ने सबको समान अधिकार दिए है लेकिन समाजिक ब्यवस्था के कारण महिलाओं और लड़कियों को बराबरी का अधिकार नही प्राप्त हो पा रहा है। इसलिए सामाजिक ब्यवस्था में बदलाव लाना जरुरी है, क्योंकि सख्त कानून बनने के बावजूद आये दिन लड़कियों और महिलाओं के साथ छेड़खानी बलात्कार घरेलू हिंसा की घटनाएं हो रही है जो कि सभ्य समाज के लिये बहुत चिंतनीय बात है। इसलिए लड़कियों और महिलाओं को अपने हक और अधिकार के लिए आगे आकर खुद पहल करना होगा।
बीरभानपुर गांव की पूर्व प्रधान विनीता सिंह ने ग्रामवासियों से लड़कियों को ज्यादा से ज्यादा पढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की अपील किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ ग्राम प्रधान राकेश पटेल महिला चेतना समिति की निदेशिका रंजू सिंह लोक समिति संयोजक नंदलाल मास्टर और पूर्व ग्राम प्रधान विनीता ने दीप जलाकर किया।
कार्यक्रम में स्वागत प्रेमा मधुबाला ने और संचालन अनीता और सोनी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजिका चन्द्रकला ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अनीता, सोनी, मधुबाला, सरिता, चन्द्रकला, फौजिया बानो, बंशराज मास्टर, मधुबाला, चांदनी, संध्या, वर्षा, आरती, सुमन, रेशमा, निशा, नीलम, साधना, ज्योति, काजल, राजमनी, सुषमा, सुमन, गीता, सविता, उषा, सोनी, निर्मलामुला, सीमा, रामबचन, विकास वाजपेयी आदि ने अपने विचार रखे।