गाजीपुर में आर्मी के हवलदार सहित नौ लोगों की पुलिस पिटाई की घटना का मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान
गाजीपुर के नगसर हाल्ट पुलिस द्वारा आर्मी के हवलदार सहित नौ लोगों की बर्बरता पूर्वक पिटाई का मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया।
गाजीपुर, जेएनएन। नगसर हाल्ट पुलिस द्वारा आर्मी के हवलदार सहित नौ लोगों की बर्बरता पूर्वक पिटाई का मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया। मुख्यमंत्री ने स्वत: संज्ञान लेकर प्रमुख सचिव को निर्देशित किया। प्रमुख सचिव के निर्देश पर जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य शनिवार की शाम नूरपुर गांव पहुंचे। उन्होंने पीडि़त परिजनों का हाल जानने के साथ ही नगसर पुलिस से भी आवश्यक पूछताछ की। उन्होंने इस मामले में मजिस्ट्रेटी जांच बैठाते हुए जमानियां एसडीएम सत्यप्रिय ङ्क्षसह को शीघ्र आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री के निर्देश पर आज रविवार को दोपहर में जिले के प्रभारी मंत्री आनंद स्वरुप शुक्ला नूरपुर गांव पहुंचेंगे। पीडि़तों परिजनों का हाल जानने के बाद मुख्यमंत्री को इससे अवगत कराएंगे।
पुलिस को सूचना 26 जुलाई को सूचना मिली कि नुरपुर गांव निवासी राजन उर्फ झनकू पांडेय पर हत्या की नीयत से रिवाल्वर लेकर गांव में घूम रहा है। पुलिस का कहना है कि राजन उर्फ झनकू पांडेय को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस टीम के साथ परिजनों ने मारपीट कर उसे छुड़ा कर भगा दिया। मारपीट में थाना के तीन आरक्षी भी घायल हो गए। पुलिस ने मौके से 32 बोर रिवाल्वर और दो कारतूस बरामद कर पुलिस के साथ मारपीट करने वाले नौ लोगों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया था। पुलिस ने नौ लोगों की थाने में इतनी बर्बरता पूर्वक पीटा कि परिजन अभी भी उससे उबर नहीं पाएं हैं। इनकी बर्बरता की कहानी जख्म के निशान ही बता रहे हैं। इसका फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। इसको लेकर शासन और प्रशासन दोनों की खूब किरकिरी होने लगी और मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया। प्रमुख के निर्देश पर जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य नूरपुर गांव निवासी पीडि़त दीपेश पांडेय के परिजनों से मिले। उन्होंने मामले के बारे में आवश्यक जानकारी ली। जिलाधिकारी से परिजनों से बताया कि जिसे पुलिस गिरफ्तार करने आई थी वह रिवाल्वर लिया हुआ था। हम लोगों ने ना ही उसे छुड़ाया और ना ही पुलिसकर्मियों संग मारपीट की। बावजूद इसके पुलिसकर्मी घर में घुस कर पहले मारे-पीटे इसके बाद इसके बाद थाने पर ले जाकर बर्बरता पूर्वक पिटाई कर दी। इतना ही नहीं हम लोगों के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। इसके बाद जिलाधिकारी ने नगसर थानाध्यक्ष रमेश कुमार से भी पूछताछ किए। मौके पर मौजूद जमानियां एसडीएम को मामले की जांच करते हुए शीघ्र आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इस दौरान एएसपीआरए अनिल कुमार झां, एडीएम राजेश कुमार सिंह सहित कई थानों की फोर्स थी।
सीएम आफिस ने एमएलसी से ली जानकारी
नूरपुर का मामला जैसे ही मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचा। वहां से एमएलसी विशाल सिंह चंचल को कॉल आयी और उन्होंने पूरी जानकारी ली। प्रमुख सचिव गृह सहित कई अधिकारियों ने मामले की जानकारी ली। एमएलसी विशाल सिंह ने मुख्यमंत्री कार्यालय को घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने घटना के एक-एक पहलू को भी बताया। इसके बाद प्रमुख सचिव गृह सहित तमाम अधिकारी सक्रिय हो गए। एमएलसी ने यह भी बताया कि नूरपुर के पीडि़त परिजनों की मदद करने के साथ ही आरोपी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने बताया कि जनता पर किसी प्रकार का उत्पीडऩ सरकार बर्दाश्त नहीं करने वाली। दोषियों के ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। फिलहाल मामले की जिलाधिकारी स्तर से जांच कराई जा रही है। जल्द ही परिणाम देखने को मिलेंगे।
दीपेश पांडेय के घर पहुंचने विभिन्न पार्टी के लोग
नूरपुर निवासी दीपेश पांडेय के घर भाजपा सहित सपा के नेता भी पहुंचे। सभी ने पीडि़त परिजनों का हाल जाना। भाजपा जिलध्यक्ष भानुप्रताप सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष कृष्ण बिहारी राय, उपाध्यक्ष श्यामराज तिवारी घर पहुंचे। श्यामरात तिवारी फोन द्वारा प्रभारी मंत्री से पीडि़तों की बता कराई। आश्वासन दिया कि कुछ भी गलत नहीं होने दिया जाएगा। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इधर सपा नेता व पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह भी पीडि़तों के घर पहुंचे। उन्होंने प्रशासन को चेताया कि अगर शीघ्र दोषी पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी तो हम आंदोलन करने को बाध्य होंगे।