Chhath Puja 2020 : वाराणसी में गंगा में गहरे पानी में हुई बैरिकेडिंग, तैयारियां आज शाम तक होंगी पूर्ण
छठ पूजा को लेकर नगर निगम ने तैयारियां तेज कर दी हैं। गंगा घाटों पर पूजा-पाठ के लिए बेहतर इंतजाम किए जा रहे हैं। गहरे पानी से बचने के लिए बैरिकेडिंग की जा रही है तो लाल निशान भी लगाए जा रहे हैं।
वाराणसी, जेएनएन। छठ पूजा को लेकर नगर निगम ने तैयारियां तेज कर दी हैं। गंगा घाटों पर पूजा-पाठ के लिए बेहतर इंतजाम किए जा रहे हैं। गहरे पानी से बचने के लिए बैरिकेडिंग की जा रही है तो लाल निशान भी लगाए जा रहे हैं।
इस बाबत अपर नगर आयुक्त देवीदयाल वर्मा ने मंगलवार को अहम बैठक भी की। इस दौरान तैयारियों पर चर्चा हुई। अपर नगर आयुक्त ने बताया कि बैरिकेडिंग का काम 50 फीसद हो चुका है। राजघाट से पांडेय घाट तक बैरिकेडिंग हुई है। 18 नवंबर की शाम पांच बजे तक बैरिकेडिंग कार्य पूर्ण हो जाएगा। इसके अलावा चार प्रमुख घाटों पर अस्थाई चेंजिंग रूम बनाया जा रहा है। इसमें सामनेघाट दो, दशाश्वमेध घाट दो, राजघाट दो व असि घाट पर दो अस्थाई चेंजिंग रूम बनेगा।
साफ-सफाई के लिए करेंगे जागरूक
अपर नगर आयुक्त ने बताया कि नगर निगम प्रशासन की ओर से सफाई व्यवस्था पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए पूजा के लिए जब व्रती महिलाओं की घाट व कुंडों पर जुटान होगी तो उस वक्त निजी संस्थाओं की ओर से स्वच्छता को लेकर जागरूक किया जाएगा।
वरुणा नदी के किनारे हुई सफाई
नगर निगम प्रशासन ने कचहरी स्थित शास्त्री घाट पर सफाई की। घाट की सीढिय़ों पर जमा कचरा उठाया गया। निजी संस्थाओं की ओर से सीढिय़ों का रंग-रोगन किया जा रहा है। हालांकि, अब भी वरुणा नदी का पानी काला ही है। कीचड़ भी भरा पड़ा है। छठ पूजा की तिथि को देखते हुए गंगा से पानी छोडऩा भी संभव नहीं लग रहा है। ऐसे में कीचड़ में ही खड़े होकर सूर्य की पूजा हो सकेगी।
घाट पर अब भी जमा है मिट्टी
नगर निगम प्रशासन की कवायद बेहद धीमी है। कई प्रमुख घाट पर अब भी मिट्टी जमा है। इसमें असि घाट पर सर्वाधिक मिट्टी है जो व्रती महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकता है क्योंकि पानी के कारण फिसलन हुआ तो कई लोग जख्मी हो सकते हैं। कुछ ऐसा ही हाल तुलसी घाट का भी है।