साइलेंट किलर BP से बचने को 30 की उम्र पार करने के बाद साल में एक बार जरूर कराएं जांच
वर्तमान में उच्च रक्तचाप ( ब्लड प्रेशर ) पूरी दुनिया के लिए समस्या बनी हुई है। यह एक जानलेवा बीमारी है। उच्च रक्तचाप एक शांत ज्वालामुखी की तरह है जिसमें बाहर से कोई लक्षण या खतरा दिखाई नहीं देता।
वाराणसी, जेएनएन। वर्तमान में उच्च रक्तचाप (बीपी) पूरी दुनिया के लिए समस्या बनी हुई है। यह एक जानलेवा बीमारी है। उच्च रक्तचाप एक शांत ज्वालामुखी की तरह है, जिसमें बाहर से कोई लक्षण या खतरा दिखाई नहीं देता। मगर जब यह ज्वालामुखी फटता है तो हमारे शरीर को लकवा और हार्ट अटैक जैसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। फिजिशियन डा. प्रशांत पांडेय के मुताबिक पहले यह माना जाता था कि यह समस्या उम्रदराज लोगों की समस्या है, लेकिन बदलते माहौल में हाइपरटेंशन की समस्या बच्चों और युवाओं में भी फैलती जा रही है।
क्या होता है उच्च रक्तचाप
- धमनियो में रक्त का दबाव बढ़ने को ब्लड प्रेशर कहते हैं। धमनियां शरीर में रक्त वाहिकाए होती हैं, जो हृदय से रक्त को सभी अंगो तथा ऊतको तक पहुंचाती हैं। किसी व्यस्क का सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 एमएम/एचजी होता है, जबकि यह 140/90 एमएम/एचजी हो तो इसे उच्च रक्तचाप माना जाता है।
हाइपरटेंशन के लक्षण
- अधिकतर लोगों में इसका कोई खास लक्षण नहीं होता है। कुछ लोगो में ब्लड प्रेशर बढ़ जाने पर सरदर्द होना, अधिक तनाव, सीने में दर्द या भारीपन, सांस लेने में परेशानी, अचानक घबराहट, समझने या बोलने में कठिनाई, चेहरे, बांह या पैरो में अचानक सुन्नपन, झुनझुनी या कमजोरी महसूस होना या धुंधला दिखाई देने जैसी समस्या होती है।
इसलिए होता है हाइपरटेंशन
- आनुवंशिकता : यह हाइपरटेंशन का मुख्य कारण है। अगर किसी परिवार में उच्च रक्त चाप की समस्या होती है तो उनकी अगली पीड़ी भी इस समस्या से ग्रसित हो जाती है। यह व्यक्तियों के जींस का एक पीड़ी से दूसरी पीड़ी मे स्थानान्तरित होने की वजह से होता है।
- मोटापा : शोध एवं अनुसंधानो से स्पष्ट हो चुका है की मोटापा उच्च रक्त चाप का बहुत बढ़ा कारण है। एक मोटे व्यक्ति में उच्च रक्त चाप का खतरा एक समान्य व्यक्ति की तुलना मे बहुत बढ़ जाता है।
- व्यायाम की कमी : खेल-कूद, व्यायाम, एवं शारीरिक क्रियाओ मे भाग न लेने से भी उच्च रक्त चाप का खतरा बढ़ जाता है।
- आयु : जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है रक्त वाहिकाओ में दीवारें कमजोर होती जाती हैं। इससे उच्च रक्तचाप की समस्या पैदा हो जाती है।
- विभिन्न बीमारियां : हृदयघात, हृदय की बीमारियां, गुर्दो का फेल होना, रक्त वाहिकाओ का कमजोर होना आदि बीमारियो के कारण उच्च रक्तचाप होता है।
- इन कारणो के अलावा अधिक नमक का सेवन और अत्यधिक मात्रा मे अल्कोहल, धूमपान एवं कॉफी का सेवन करने से उच्च रक्तचाप की समस्या पैदा हो सकती है।
ऐसे करें खुद का बचाव
- उच्च रक्तचाप के लक्षण कई सालों और दशको तक दिखाई नहीं देते। इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। इससे बचने के लिए व्यक्ति को समय-समय पर अपने रक्त-दबाव का मापन करवाते रहना चाहिए। यदि सही समय पर इसका इलाज न करवाया गया तो उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए दवाइयों का सहारा लेना पड़ता है। दवाओं का नियमित सेवन करने से व्यक्ति की जीवनशैली बदल जाती है। वहीं मोटापे को नियंत्रित करने, नियमित व्यायाम करने, गहरी नींद लेने, तनाव मुक्त रहने और उचित आहार लेने से उच्च रक्त चाप को नियंत्रित किया जा सकता है। ज्यादा अल्कोहल, धूमपान का प्रयोग और नशीली दवाओं के सेवन से उच्च रक्तचाप की आशंका रहती है, इसलिए इनका प्रयोग न करें। यदि आप मधुमेह के रोगी है तो शुगर को नियंत्रित करें। तनाव से बचें और खुश रहने की आदत डालें। सबसे जरूर बात गहरी नींद लेना न भूलें। उच्च रक्तचाप से बचने के लिए भोजन का बहुत महत्व है। यदि उचित भोजन लिया जाए तो इससे बचा जा सकता है। भोजन में नमक की मात्रा कम हो। पोटैशियम को उचित मात्रा में लेने से उच्च रक्तचाप का स्तर अच्छा हो जाता है। इसके अलावा आहार मे फल जैसे केला, संतरा, नाशपाती, टमाटर, सूखे मटर, बादाम और आलू अवश्य शामिल करें, क्योंकि इनमे पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है। चिकनाई या वसा वाला खाना कम मात्रा में खायें।