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चंदौली में बैंक आफ बड़ौदा के बक्से से गायब हो गया चेक, बैंक मैनेजर सहित चार के खिलाफ रिपोर्ट

आइजी के हस्तक्षेप के बाद रिपोर्ट दर्ज हुई। पीड़ित ने दो बैंक मैनेजर व दो कर्मियों के खिलाफ तहरीर दी है। पुलिस ने स्थानीय बैंक के सीसीटीवी फुटेज को ले लिया है। कोतवाली पुलिस बिहार तक मामले की जांच करेगी।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 08:01 AM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 08:01 AM (IST)
चंदौली में बैंक आफ बड़ौदा के बक्से से गायब हो गया चेक, बैंक मैनेजर सहित चार के खिलाफ रिपोर्ट
इस मामले में कोतवाली पुलिस बिहार तक मामले की जांच करेगी।

चंदौली, जागरण संवाददाता। अभी तक बैंक उपभोक्ता साइबर क्राइम का ही शिकार हो रहे थे, लेकिन अब बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से खाते से रुपये गायब होने लगे हैं। शनिवार को कुछ ऐसा ही मामला प्रकाश में आया। बैंक के बक्से में डाला गया चेक हेरफेर से गायब कर दिया है। नगर के बैंक आफ बड़ौदा में उपभोक्ता ने एकाउंट पे चेक लगाया था। खाते में रुपये न भेजकर बिहार के बरेज स्टेट बैंक से सात लाख रुपये कैश निकाल लिया गया। जब खाते में रुपये नहीं आया और पैसा कट गया तो उपभोक्ता परेशान हो गया। मामले की शिकायत को लेकर रेल कर्मी पुलिस कप्तान से लेकर सीओ तक भटकता रहा। अंत में आइजी के हस्तक्षेप के बाद रिपोर्ट दर्ज हुई। पीड़ित ने दो बैंक मैनेजर व दो कर्मियों के खिलाफ तहरीर दी है। पुलिस ने स्थानीय बैंक के सीसीटीवी फुटेज को ले लिया है। कोतवाली पुलिस बिहार तक मामले की जांच करेगी।

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बिहार, कैमूर के मोहनियां निवासी अनीता देवी ने अपने रिश्तेदार महेंद्र सिंह के नाम 28 अगस्त को सात लाख रुपये का चेक दिया था। महेंद्र टीआरएस में टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत हैं और मानसनगर कालोनी रहते हैं। उनका खाता नगर के बैंक आफ बड़ौदा में है। 31 अगस्त को उन्होंने बैंक आफ बड़ौदा में पर्ची भरकर कर्मचारी पंकज कुमार को दिया। कर्मी ने चेक के पीछे नाम, खाता संख्या और मोबाइल नंबर लिखने की बात कही। महेंद्र ने लिख दिया और कर्मी से पर्ची पर मोहर लगाकर रिसिविंग कापी मांगी तो कर्मी ने कहा कि इस बैंक में रिसिविंग देने का नियम नहीं है।

साक्ष्य के रूप में रेल कर्मी ने चेक की फोटो खींच ली और बाक्स में डाल दिया। महेंद्र का आरोप है कि तीन सितंबर को मेरे नाम से सात लाख रुपये नगद प्राप्त कर लिया गया। इसके बाद वे बिहार के स्टेट बैंक बरेजा शाखा में पहुंचे और शिकायत की। इस पर बैंक मैनेजर ने चेक दिया जिस पर छेड़छाड़ किया गया था। वहां के कैशियर अभय कुमार ने बिना किसी आइडी के सात लाख रुपये का भुगतान कर दिया। इसके बाद उन्होंने बैंक आफ बड़ौदा में सात सितंबर को खाते में रुपये न आने कीलिखित शिकायत की। अगले दिन वह स्थानीय बैंक प्रबंधक अनुज शर्मा से जानकारी मांगी तो प्रबंधक ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने 31 अगस्त को कोई चेक प्राप्त न होने की बात कह दी।

रेल कर्मी महेंद्र ने आरोप लगाया कि बैंक आफ बड़ौदा के मैनेजर व कर्मचारी और स्टेट बैंक आफ इंडिया के बैंक मैनेजर व कैशियर की मिलीभगत से रुपये निकल लिए गए हैं। उन्होंने चारों के खिलाफ तहरीर दी है। सीओ सदर अनिल राय ने बताया कि चेक को एकाउंट पे नहीं किया गया था, यही भूल हुई है। फिलहाल मामला यह है कि बैंक के बक्से में चेक डाला गया था। बक्से से चेक गायब है। इसमें बैंक की भूमिका संदिग्ध है। मामले की जांच कर कार्रवाई होगी।


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