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स्वतंत्रता के सारथी : बच्चों व महिलाओं को दुनिया से मुकाबला करने को तैयार कर रहे रमेश

जौनपुर के करंजाकला ब्लाक के कटका गांव निवासी रमेश यादव भले ही छोटा नाम है लेकिन इनके काम ने आज न जाने कितने को जीवन जीना सिखा दिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 09:10 AM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 05:23 PM (IST)
स्वतंत्रता के सारथी : बच्चों व महिलाओं को दुनिया से मुकाबला करने को तैयार कर रहे रमेश
स्वतंत्रता के सारथी : बच्चों व महिलाओं को दुनिया से मुकाबला करने को तैयार कर रहे रमेश

जौनपुर, जेएनएन। करंजाकला ब्लाक के कटका गांव निवासी रमेश यादव भले ही छोटा नाम है, लेकिन इनके काम ने आज न जाने कितने को जीवन जीना सिखा दिया है। खानाबदोश की जिंदगी जी रहे लोगों के बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने, महिलाओं व किशोरियों को स्वावलंबी बनाकर समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना इन्होंने सिखाया। साथ ही उनके अधिकारों को बताते हुए समाज में अपने विचारों को रखने को लेकर भी जागरूक किया।

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यह डेढ़ दशक से ग्रामीण विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से गरीब-गुरबों व समाज के अंतिम पायदान के लोगों को मुख्य धारा से जोड़कर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार दिला रहे हैं। स्कूल न जाने वाले बच्चों को सरकारी सुविधाओं जैसे ड्रेस, मध्याह्न भोजन, मुफ्त किताबें आदि दिलाकर विद्यालयों में ठहराव का प्रयास कर रहे हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार करते हुए इनके लिए सरकारी अस्पतालों में उपचार की सुविधा के लिए लड़ते हैं। यही नहीं महिला घरेलू हिंसा, महिलाओं के हक तथा उनके मान-सम्मान के लिए चलचित्रों के माध्यम से कानूनी जानकारी देना व किशोरियों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण

के माध्यम से आत्मनिर्भर भी बनाते हैं। इसके अलावा दलित वंचित परिवार के लोगों को विधवा, विकलांग, वृद्धावस्था पेंशन, वजीफा आदि के लिए आवेदन करना, सरकारी योजनाओं का पात्रों को लाभ दिलाना इनका शगल बन गया है। इतना ही नहीं समाज में इनको किस तरह से रहना है। कैसे अपने विचारों को आगे बढ़ाना है। लोगों के बीच किस तरह से अपने समाज के कार्यों को रखना है इसके प्रति भी जागरूक कर रहे हैं। इनके इस प्रयास से समाज के कई युवाओं को वह स्थान मिला है जिसका उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की। इसके साथ ही समाज के बच्चे जंगलों में पत्ता बीनने का काम छोड़कर आज पढ़ाई करने लगे हैं। 

बच्चों को प्राथमिक विद्यालय में नामांकन कराकर प्राथमिक शिक्षा से जोड़ने का कार्य किया

विकास खंड करंजाकला के जासोपुर चकिया में मुसहर समाज के बच्चों को प्राथमिक विद्यालय में नामांकन कराकर प्राथमिक शिक्षा से जोडऩे का कार्य किया। जिसमें कुल आठ बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उनको कापी, किताब, बैग, ड्रेस आदि दिलवाया। उनके माता-पिता को मनरेगा से जोड़कर रोजगार दिलवाने का कार्य किया। आज वह अपने समाज में सबसे आगे हैं। जलालपुर नदियापारा मुसहर परिवार के करीब कुल 18 लोगों को विकलांग, विधवा, वृद्धा पेंशन ऑनलाइन कराकर दिलवाने का कार्य किया और अन्य परिवार के लोगों को जीवन स्तर उठाने हेतु मनरेगा से 100 दिन का कार्य से जोड़वाने का कार्य किया। जिससे उनके जीवन स्तर में बदलाव आया। सरकारी योजनाओं और हक अधिकार के प्रति जन जागरूकता का कार्य कर उनके सोच में परिवर्तन का कार्य किया जा रहा है।


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