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वाराणसी के चंदन कुमार का इसरो में वैज्ञानिक पद पर हुआ चयन, रेलवे में जेई पद पर थे कार्यरत

वर्ष 2020 में लिखित परीक्षा निकालने के बाद साक्षात्कार की तैयारी में जुट गए और उन्होंने वैज्ञानिक बनने के लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहे। चंदन के पिता रामसकल यादव अधिवक्ता व किसान पिता तथा मां कृष्णा यादव गृहिणी हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 08:24 PM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 08:24 PM (IST)
वाराणसी के चंदन कुमार का इसरो में वैज्ञानिक पद पर हुआ चयन, रेलवे में जेई पद पर थे कार्यरत
वर्ष 2020 में लिखित परीक्षा निकालने के बाद साक्षात्कार की तैयारी में जुट गए थे।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। चोलापुर (गोसाईपुर- मोहांव) निवासी चंदन कुमार यादव का चयन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में वैज्ञानिक पद पर हुआ है। उन्हें 89 वीं रैंक हासिल हुई है। जबकि इस परीक्षा में करीब साठ हजार से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे। चंदन में देशभक्ति का जज्बा भरा हुआ है। उन्होंने बताया कि वह इसरो छोड़कर नासा व अन्य विदेशी अनुसंधान संस्थान में नौकरी नहीं करेंगे। भले ही इसके लिए उन्हें बड़ा आफर मिले।

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दैनिक जागरण प्रतिनिधि से दूरभाष से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक बनने के पीछे देशसेवा मुख्य लक्ष्य है। परंपरागत लीक से हटकर कुछ नया करने की इच्छा है ताकि देश का नाम पूरी दुनिया में हो सके। ऐसे में बड़ा आफर मिलने पर देश छोडऩे का सवाल ही नहीं उठता है। चंदन ने इंटर तक की पढ़ाई राजकीय क्वींस कालेज से की है। इसके बाद वर्ष 2018 में उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय (हरिद्वार) से मैकेनिकल से बीटेक किया। इसके बाद इसरो, गेट, डीआरडीओ सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुट गए। हालांकि, उनका मुख्य लक्ष्य वैज्ञानिक बनना था। इस बीच उनका चयन भारतीय रेलवे में जेई पद पर हो गया। उत्तर रेलवे में (लखनऊ) में नौकरी करते हुए उन्होंने इसरो की तैयारी जारी रखी।

वर्ष 2020 में लिखित परीक्षा निकालने के बाद साक्षात्कार की तैयारी में जुट गए और उन्होंने वैज्ञानिक बनने के लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहे। चंदन के पिता रामसकल यादव अधिवक्ता व किसान पिता तथा मां कृष्णा यादव गृहिणी हैं। उन्होंने सफलता श्रेय माता- पिता, ताऊ- ताई के अलावा दोस्तों ने भी दिया है। बताते हैं कि देश को अंतरिक्ष में एक बड़ी शक्ति बनाने के लिए इसरो का योगदान रहा है, ऐसे में उनका चयन होने पर वह खुश तो हैं ही साथ ही देश को और ऊंचाई पर अंतरिक्ष में स्‍थापित करने की मंशा को सफल होते देखकर उनके परिजन भी काफी प्रसन्‍न नजर आए। 


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