21 अगस्त से शुरू वर्चुअल कारपेट फेयर में एंटी चीन देशों को प्रमोट करने में जुटा सीईपीसी
21 अगस्त से शुरू हो रहे पांच दिवसीय वर्चुअल कारपेट फेयर में ज्यादा आयातक शामिल हों इसके लिये सीईपीसी पुरजोर कोशिश कर रहा है।
भदोही, जेएनएन। 21 अगस्त से शुरू हो रहे पांच दिवसीय वर्चुअल कारपेट फेयर में ज्यादा आयातक शामिल हों, इसके लिये सीईपीसी पुरजोर कोशिश कर रहा है। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद अब एंटी चीन देशों के आयातकों को अधिक प्रमोट करेगा। यूरोपियन और अमेरिकी देशों के आयातकों को विशेष आमंत्रण भेजा जा रहा है। निर्यातक भी चाह रहे हैं चीन विरोधी इस लहर का फायदा कालीन कारोबार में उठाया जा सकता है। कई देश चीन के विरोध में हैं, ऐसे आयातकों को अब अधिक शामिल होंगे। 34 देशों के 188 कालीन आयातकों ने फेयर में शामिल होने की सहमति दी है। 500 आयातकों की भागीदारी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सीईपीसी पदाधिकारियों की मानें तो चीन विरोधी लहर का फायदा जरूर होगा।
इन देशों के आयातक चीन के ज्यादा विरोध में
नार्वे, स्वीडन, फिनलैंड, चिली, कोलंबिया, ब्राजील, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फ्रांस व कनाडा।
वर्चुअल फेयर की तैयारियां चल रही है
वर्चुअल फेयर की तैयारियां चल रही है। मेला सफल होगा, पूरा भरोसा है। लंबे समय से पारंपरिक मेलों का आयोजन न होने के कारण प्रमुख आयातक देशों में वर्चुअल फेयर को लेकर उत्साह है। चाइनीज उत्पादों को तरजीह नहीं देने वाले देश भी फेयर के लिये रूचि दिखा रहे हैं, जो कालीन उद्योग के लिए लाभदायक है।
- सिद्धनाथ सिंह, चेयरमैन, कालीन निर्यात संवर्धन परिषद
चीन विरोधी यूरोपियन और अमेरिकन देश के आयातक फेयर के लिये ज्यादा उत्साहित
चीन विरोधी यूरोपियन और अमेरिकन देश के आयातक फेयर के लिये ज्यादा उत्साहित हैं। सौ से अधिक आयातकों को आमंत्रित किया गया है। 38 ने स्वीकृति भी दी है। 15 अगस्त तक कई और आयातक सहमत हो जाएंगे, इसके लिये उनसे बातचीत का दौर चल रहा है।
- संजय कुमार, अधिशासी निदेशक, कालीन निर्यात संवर्धन परिषद
निर्यातकों को दी गई पूरी जानकारी
सीईपीसी के इक्जक्यूटिव डायरेक्टर संजय कुमार की मानें तो भागीदारी के लिए आयातकों की सहमति मिलने लगी है। 500 आयातकों के भाग लेने की संभावना है। देश भर से 200 निर्यातक भी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। वह पहली बार अपने उत्पादों की ब्रांडडिंग ऑनलाइन प्लेटफार्म पर करेंगे। इसके लिये 150 निर्यातकों ने पंजीकरण भी करा लिया है। यह संख्या 400 हो सकती है। सीईपीसी ने डेमो जारी कर निर्यातकों को लाॅग इन, आईडी, पासवर्ड व शुल्क के बारे में जानकारी दी है।