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मोदी सरकार की नीतियों के विरोध में तेज आंदोलन को लेकर कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने बना ली है रणनीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी को कांग्रेस ने केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियों के विरोध का प्रमुख अखाड़ा बनाया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 01:17 PM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 01:17 PM (IST)
मोदी सरकार की नीतियों के विरोध में तेज आंदोलन को लेकर कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने बना ली है रणनीति
मोदी सरकार की नीतियों के विरोध में तेज आंदोलन को लेकर कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने बना ली है रणनीति

वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी को कांग्रेस ने केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियों के विरोध का प्रमुख अखाड़ा बनाया है। इसे कांग्रेस का थिंक टैंक तीव्र आंदोलन के लिए महत्वपूर्ण रणनीति मान रहा है। इसके तहत जहां एक ओर पांच नवंबर को प्रदेश उपाध्यक्ष ललितेशपति त्रिपाठी व एडवाइजरी कमेटी के सदस्य पूर्व मंत्री अजय राय ने प्रेसवार्ता कर आंदोलन की रूपरेखा को जनता के समक्ष रखा था तो वहीं आठ नवंबर को कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह तथा गौरव वल्लभ बनारस आ रहे हैं।

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द्वय नेता जहां प्रेसवार्ता कर आंदोलन की रणनीति पर प्रकाश डालेंगे तो वहीं जनता के बीच जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरेंगे। कांग्रेस के मंत्री अजय राय के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी का यह मानना है कि अगर मोदी सरकार की नाकामियों और उनकी जन विरोधी नीतियों को देश के कोने-कोने तक पहुंचाना है तो इसके लिए उत्तर प्रदेश और उसमें भी काशी, जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है, सबसे उपयुक्त जगह होगी। काशी को पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों और योजनाओं के क्रियान्वयन में विफलता को लेकर सबसे बड़े उदाहरण के रूप में जनता के समक्ष रखा जा सकता है। विकास के नाम पर बड़े पैमाने पर हो रहे सरकारी संसाधनों के लूट-खसोट का अड्डा काशी बन चुकी है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, महंगाई, बेरोजगारी, नए कल कारखानों की स्थापना नहीं होना, सरकारी संस्थानों का निजीकरण, शिक्षण संस्थानों का राजनीतिक कार्यों के लिए उपयोग, शहर की प्राचीनता तथा उसके ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक धरोहरों का ध्वस्तीकरण, सरकारी टेंडरों का पूर्णत: गुजरातीकरण, स्मार्ट सिटी के नाम पर खानापूर्ति, शहर की बजबजाती गलियां, लगातार लगते भीषण जाम जैसी अनेकानेक भीषण समस्याएं हैं, जो कि मोदी सरकार की विफलताओं का उदाहरण बनने के लिए पर्याप्त हैं।

आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए पर्चे बांटे

कांग्रेस ने आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए पर्चे बांटे। पूर्व पार्षद डा. जितेंद्र सेठ के नेतृत्व में मैदागिन स्थित पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा के समक्ष लोगों में पर्चा वितरित हुआ। इस मौके पर दुर्गा प्रसाद गुप्ता, प्रमोद श्रीवास्तव, अनीसुर्रहमान अंसारी आदि मौजूद थे। इस पर्चे में केंद्र व प्रदेश सरकार की जन विरोधी नीतियों का उल्लेख किया गया है। ऐसे ही युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विश्वनाथ कुंवर, प्रिंस राय, नवीन चौबे, आशीष केसरी आदि ने कैंट स्थित इंग्लिशिया लाइन क्षेत्र में पर्चा बांटा। वहीं निर्वतमान जिलाध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा ने बिजली कर्मियों के आंदोलन को कांग्रेस का समर्थन देने की घोषणा कर दी है।


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