सेंट्रल बार एसोसिएशन चुनाव : वर्तमान कार्यकारिणी ने वरिष्ठ समिति के निर्णय पर उठाए सवाल
पूर्वांचल में अधिवक्ताओं के सबसे बड़े संगठन सेंट्रल बार एसोसिएशन का वार्षिक चुनाव अब चर्चा व विवाद का विषय बनता जा रहा है। मंगलवार को सेंट्रल बार के अध्यक्ष अशोक कुमार उपाध्याय और उनकी कार्यकारिणी ने वरिष्ठ समिति द्वारा घोषित चुनाव प्रक्रिया पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : पूर्वांचल में अधिवक्ताओं के सबसे बड़े संगठन सेंट्रल बार एसोसिएशन का वार्षिक चुनाव अब चर्चा व विवाद का विषय बनता जा रहा है। सेंट्रल बार के अध्यक्ष अशोक कुमार उपाध्याय और उनकी कार्यकारिणी ने वरिष्ठ समिति द्वारा घोषित चुनाव प्रक्रिया पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। दूसरी ओर बुधवार से चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने वाली है जो तीन दिन तक चलेगी। इस बीच अध्यक्ष कक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में अध्यक्ष ने चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए गठित वरिष्ठ समिति पर आरोप लगाया कि पुराने माडल बायलाज के आधार पर चुनाव कराया जा रहा है, जबकि सेंट्रल बार एसोसिएशन का रजिस्ट्रेशन माह अक्टूबर 2020 में ही समाप्त हो गया था। इसकी जानकारी होने पर संशोधित बायलाज 2021 का पंजीकरण व नवीकरण कराया गया। इसके बावजूद भी वरिष्ठ समिति ने बिना किसी सोच-विचार के वर्ष 2017 के बायलाज पर चुनाव कराने की घोषणा कर दी। यह असंवैधानिक है। उन्होंने यह भी बताया कि इस चुनाव कार्यक्रम को रद करने की मांग के साथ वरिष्ठ समिति को पत्र लिखा गया है। यदि वरिष्ठ समिति इस पर कार्रवाई नहीं करती है तो वर्तमान कार्यकारिणी विधिक कार्रवाई के लिए आगे आएगी।
बता दें कि सेंट्रल बार एसोसिएशन के कनिष्ठ उपाध्यक्ष के पदों समेत चार पदों को समाप्त किए जाने को लेकर अधिवक्ताओं ने पिछले दिनों धरना-प्रदर्शन किया था। इस बीच चुनाव संचालन के लिए बार पदाधिकारियों ने चुनाव तिथि की घोषणा कर दी और वरिष्ठ समिति का गठन करते हुए एक दिसंबर को शिवानंद पांडेय को समिति का चेयरमैन और चार वरिष्ठ अधिवक्ताओं सुरेश कुमार श्रीवास्तव, बच्चन सिंह, जय प्रकाश सिंह व मजाहिरुल हक खान को सदस्य मनोनीत कर दिया। चेयरमैन और सदस्यों ने विचार-विमर्श कर बीते वर्षों से जारी माडल बायलाज (निर्वाचन नियमावली) के आधार पर सभी पदों पर चुनाव कराने की घोषणा कर दी। वरिष्ठ समिति की घोषणा से अधिवक्ताओं का धरना-प्रदर्शन समाप्त हो गया। इस बीच सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने संशोधित माडल बायलाज की प्रति वरिष्ठ समिति को उपलब्ध कराते हुए संशोधित माडल बायलाज के आधार पर चुनाव कराने की मांग कर दी।
दूसरी ओर वरिष्ठ समिति के चेयरमैन शिवानंद पांडेय ने कहा कि सेंट्रल बार द्वारा 30 नवंबर को वरिष्ठ समिति का गठन कर एक दिसंबर को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई। इसलिए चुनाव घोषणा के वक्त जो बायलाज प्रभावी रहा। उसके आधार पर वरिष्ठ समिति द्वारा चुनाव कार्यक्रम निर्धारित किया गया। चुनाव घोषणा के बाद चार दिसंबर को संशोधित बायलाज लाया गया, जिसके आधार पर चुनाव कराया जाना विधि व संविधान सम्मत नहीं है।
बनारस बार एसोसिएशन चुनाव में 66 अधिवक्ताओं ने किया नामांकन
बनारस बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव के लिए भारी गहमागहमी के बीच 66 प्रत्याशियों ने नामांकन किया। मंगलवार को नामांकन का आखिरी दिन था। बनारस बार के 23 पदों पर 66 अधिवक्ताओं ने नामांकन किया है। नामांकन के दौरान प्रत्याशियों ने समर्थकों की भीड़ जुटाकर चुनाव में अपनी मजबूत दावेदारी दिखाने की भरपूर कोशिश की।
चुनाव संचालन के लिए गठित वरिष्ठ समिति के अध्यक्ष क्षत्रधारी सिंह ने बताया कि अध्यक्ष पद पर आठ, महामंत्री पद पर छह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर चार तथा उपाध्यक्ष के दो पदों (दस वर्ष से अधिक वकालत) पर दस, उपाध्यक्ष के ही दो पदों (दस वर्ष से कम वकालत) पर आठ, कोषाध्यक्ष पद पर तीन, संयुक्त मंत्री के तीन अलग-अलग पदों पर सात, प्रबंध समिति के 12 पदों में से छह पदों (15 वर्ष से अधिक वकालत) पर सात एवं शेष छह पदों (15 वर्ष से कम वकालत) पर 11 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है। नामांकन पत्रों की जांच आठ दिसंबर को होगी। चुनाव नहीं लडऩे के इच्छुक प्रत्याशी नौ दिसंबर को नामांकन वापस ले सकते हैं। नाम वापसी के बाद अध्यक्ष,महामंत्री समेत विभिन्न पदों के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की जाएगी। बनारस बार का मतदान 15 दिसंबर तथा मतगणना 16 दिसंबर को होगी।