प्रदूषित शहर में मास्क पहन कर सैकड़ों लोगों ने किया योग, वायु प्रदूषण के नियंत्रण की मांग
वायु प्रदूषण के लिए काम करने वाली संस्था केयर फार एयर ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस सिगरा वाराणसी स्थित शहीद उद्यान परिसर में प्रदूषण से बचने के लिए मास्क के साथ योग किया।
वाराणसी, जेएनएन। विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शामिल वाराणसी शहर में योग दिवस एक विशिष्ट अंदाज में मनाया गया। वायु प्रदूषण के लिए काम करने वाली संस्था केयर फार एयर ने शुक्रवार की सुबह अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस सिगरा वाराणसी स्थित शहीद उद्यान परिसर में प्रदूषण से बचने के लिए मास्क के साथ योग अभ्यास किया। शहर में मौजूदा वायु प्रदूषण के गंभीर हालात के मद्देनजर इस योग कार्यक्रम में प्रदूषित वायु और प्रशासन की अकर्मण्यता के प्रतीकात्मक विरोध स्वरुप सभी प्रतिभागियों ने योग क्रिया के दौरान मास्क का उपयोग किया। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार योग दिवस की सुबह बनारस की आबोहवा मानकों की तुलना में दोगुनी से अधिक प्रदूषित रही।
पर्यावरण के लिए आगे आई संस्था
क्लाइमेट एजेंडा द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के बारे में संस्था की मुख्य अभियानकर्ता एकता शेखर ने बताया कि योग क्रिया मूल रूप से श्वसन आधारित होती है, शुद्ध हवा और साफ पर्यावरण योग के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एक पूर्व घोषित कार्यक्रम है जिसके लिए जिला प्रशासन को पूर्व में ही सारी तैयारी करने का निर्देश भी सरकार से हुआ था फिर भी चिंताजनक है कि श्वसन आधारित योग अभ्यास के पहले जिला प्रशासन ने शहर में वायु प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए कुछ भी नहीं किया।
क्लाइमेट एजेंडा ने किया जागरुक
100 प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान की सचिवालय प्रभारी सानिया अनवर ने बताया कि क्लाइमेट एजेंडा की ओर से क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पूर्व में अनेकों चिट्ठियां लिखी गयीं। उनमें शहर के अन्दर भारी वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने और कचरा जलाने को प्रभावी रूप से प्रतिबंधित करने की मांग की गयी थी। ये दोनों इतने प्रभावी उपाय हैं जिनको अगर समय रहते अपनाया गया होता तो आज योग दिवस के अवसर पर हमारे शहर में वायु प्रदूषण का स्तर मानकों से दो गुना अधिक जहरीला नहीं होता।
कार्यक्रम में लोगों ने की सहभागिता
इस अवसर पर मौजूद योग गुरु डा. योगेश गुप्ता ने कहा कि योग तभी लाभप्रद होगा जब प्राणवायु शुद्ध होगी। अन्यथा योग क्रिया के दौरान प्रदूषण के कण ज्यादा आसानी से हमारे फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं, जिनसे हमारा स्वास्थ्य खतरे में पड़ सकता है। इसी तथ्य को प्रमुखता से सामने लाने की कोशिश में मास्क के साथ योगा का आयोजन किया गया है। यह स्पष्ट रूप से समझाने की जरुरत है कि वायु प्रदूषण का समाधान मास्क नहीं बल्कि स्वच्छ पर्यावरण है। इसके समाधान के लिए कारगर कदम उठाने में प्रशासन को देरी नहीं करनी चाहिए।कार्यक्रम में मुख्य रूप से सतीश सिंह, राम जनम, मुकेश उपाध्याय, ब्रिजेश पटेल, सुनील धुरिया, फादर दयाकर, मुकेश झान्झरवाला, पूजा वर्मा, माधवी, डा. टी के सिन्हा, बब्बी पाठक समेत भू सेवा जल सेवा अभियान, नेचर फाउंडेशन आदि के सैकड़ों सदस्य मौजूद रहे। कार्यक्रम का समापन प्रकृति के गीत से किया गया जिसे प्रेरणा कला मंच के सदस्यों ने प्रस्तुत किया।
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